Saral Maansagri Padditi [Hindi]
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Author: Roopnaraian Jha Pt.
Brand: Ajay Book Service
Binding: paperback
Release Date: 01-12-2011
Details:
सरल मानसागरी पद्धति
१. सम्पूर्ण जगत के आधार रूप श्रेष्ठ ज्योति को प्रणाम करके अन्धकार को नाश करने वाले जन्म समय के फल को प्रकाश करने वाले शास्त्र को कहता हु l
२. जिसके जन्म समय में लग्न का स्वामी लग्न में स्थित हो सो रोग रहित, चिरकाल जीने वाला, बड़े बल वाला अथवा राजा और पृथ्वी के लाभ से युक्त होता है l
३. जिसके जन्म में लग्नेश दूसरे भाव में स्थित हो वह धनवान चिरकाल जीने वाला, पुष्ट देह वाला, बलवान राजा, पृथ्वी लाभवाला और सुन्दर धर्म में रत रहने वाला होता है l
४. जिसके जन्म में लग्नेश तीसरे भाव में स्थित हो वह श्रेष्ठ भाई और मित्रो से युक्त होता है और धर्म में रत, दाता, शूरवीर और बल युक्त होता है l
५. जिसके जन्म में लग्नेश चतुर्थ भाव में स्थित हो वह राजा का प्यारा, बढ़ी आजीविका वाला और पिता से श्रेष्ठ लाभ वाला , पिता माता का का भक्त और थोड़ा भोजन करने वाला होता है l
द्वादश भाव, ग्रहफल - जन्मपत्रीफल, लग्न - राशि फल , पंच महापुरुष योग , सूर्य चंद्र योग , नवग्रहों का प्रभाव
EAN: 9788187077800
Package Dimensions: 8.5 x 5.5 x 0.6 inches
Languages: English