Ko Babhan Ko Sooda
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Book Details
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लेखक: हरिनारायण ठाकुर
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प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
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भाषा: हिंदी
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संस्करण: प्रथम संस्करण
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आईएसबीएन: 9789362872265
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पृष्ठ संख्या: 358
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कवर: पेपरबैक
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आयाम: -
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प्रकाशन तिथि: 13 फरवरी 2025
About the Book
‘को बाभन को सूदा’ चर्चित लेखक, आलोचक और चिन्तक हरिनारायण ठाकुर की बहुजन-दृष्टि से बहुजन-दृष्टि लिखी गई हिंदी की पहली 'आत्मकथा' है। यह आत्मकथा लेखक के जीवन के साथ-साथ भारतीय समाज में पिछड़े, ख़ासकर अति पिछड़े वर्ग के जीवन-यथार्थ और संघर्ष को रेखांकित करती है। इस पुस्तक में आत्मकथा के इतिहास और समाजशास्त्र पर पुनः विचार करने की आवश्यकता को समझाया गया है। हिन्दी में आत्मकथाओं का इतिहास नया नहीं है, लेकिन यह पहली बार है जब बहुजन दृष्टिकोण से लिखा गया एक आत्मवृत्तांत सामने आया है।
यह आत्मकथा, पितृसत्ता और जातिवाद की सामाजिक परतों को उधेड़ते हुए, समाज के वर्जित क्षेत्र और प्रसंगों की चित्रकारी करती है। इससे यह पता चलता है कि जाति-व्यवस्था में कैसे शोषण और अन्याय का चक्र चलता है, और यह समाजशास्त्र के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन जाती है। पुस्तक का शीर्षक खुद जातिवाद का निषेध करता है, और यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ के रूप में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
About the Author
हरिनारायण ठाकुर
हरिनारायण ठाकुर एक प्रतिष्ठित लेखक, आलोचक और समाजशास्त्रज्ञ हैं। उन्होंने साहित्य और समाज में दलित और पिछड़े वर्ग के जीवन को सही मायनों में प्रस्तुत किया है। ठाकुर का लेखन खासतौर पर बहुजन समाज के शोषण और जातिवाद पर केंद्रित है, और उन्होंने अपनी आत्मकथा के माध्यम से उन वर्गों की आवाज़ को उठाया है जो मुख्यधारा के साहित्य में नज़रअंदाज कर दिए जाते हैं।

