Jeevan Jeene Ke Funde
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Author: N. Raghuraman
Brand: Prabhat Prakashan
Edition: 2010
Features:
- Best Selling Book
- Jeevan Jeene Ke Funde Books by N. Raghuraman
- Prabhat Prakashan
- Best Selling Books
- Jeevan Jeene Ke Funde
Binding: Hardcover
Number Of Pages: 144
Release Date: 01-01-2020
Details:
Product Description
जीवन जीने के फंडे—एन. रघुरामन मालविका अय्यर ने तेरह वर्ष की उम्र में आयुध फैक्टरी में हुए भीषण विस्फोट में अपने दोनों हाथ खो दिए। दोनों पैरों में भी गंभीर चोटें आईं। इसके बाद 18 महीने अस्पताल में रही और चरणबद्ध ऑपरेशनों का दर्द झेला। इतने बड़े हादसे के बाद तो कोई भी हिल जाए, लेकिन मालविका ने हिम्मत नहीं हारी। मात्र चार महीने की पढ़ाई से मालविका दसवीं में 97 प्रतिशत अंक लाने में सफल रही। गणित और विज्ञान में सौ में से सौ और हिंदी में 97 अंक लाकर पूरे तमिलनाडु राज्य में टॉप किया। यही नहीं, बारहवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक लाने में सफल रही। वर्ष 2006 में मालविका ने देश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में अग्रणी दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में अर्थशास्त्र विषय से स्नातक किया। अपने बहुमुखी प्रदर्शन के बलबूते मालविका वाइल्ड-लाइफ सोसाइटी से जुड़े एक एनजीओ की कॉर्डिनेटर बन गई। इसके साथ ही उसे कॉमनवेल्थ सोसाइटी का एक्जीक्यूटिव सदस्य भी मनोनीत कर दिया गया। खाली समय में वह दो दृष्टिहीन बच्चों को पढ़ाने का भी काम करती है। आज मालविका दूसरों को सिखाती है कि चुनौतियों से सामना कैसे किया जाता है। यह सच्ची कहानी चर्चित स्तंभकार एन. रघुरामन के जीवन के विविध रंगों को समेटे स्तंभों में से एक है। उन्होंने जो देखा-सुना-अनुभव किया और जिसने जीवन के प्रति एक सकारात्मक रुख अपनाने का मार्ग बताया, ऐसी सच्ची घटनाओं पर आधारित प्रेरक कथाओं का संग्रह है रघुरामन की प्रस्तुत पुस्तक ‘जीवन जीने के फंडे।’ सुख-दु:ख, आशा-निराशा, हर्ष-विषाद में समभाव बनाए रखने का संदेश देती, अत्यंत पठनीय प्रेरणाप्रद कृति।.
About the Author
एन. रघुरामन पिछले सत्ताईस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े एन. रघुरामन मैनेजमेंट और जर्नलिज्म के बीच की मजबूत कड़ी हैं। वे देश के एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार ‘डी.एन.ए.’ (जो दैनिक भास्कर समूह का ही एक हिस्सा है) के संपादक हैं। संप्रति उन पर प्रोजेक्ट हेड भास्कर समूह और डी.एन.ए. के नए संस्करणों को लॉञ्च करने की जिम्मेदारी है। अपने कार्यकाल में वे करीब सत्ताईस लॉञ्ंचिग परियोजनाओं का हिस्सा रहे हैं। एक स्तंभकार के रूप में रघुरामन ‘दैनिक भास्कर’ और ‘दिव्य भास्कर’ के लिए एक कॉलम लिखते हैं, जिसका नाम है ‘मैनेजमेंट फंडा’। यह कॉलम समूह के दोनों अखबारों के छियालीस संस्करणों में प्रकाशित होकर नित्य दो करोड़ साठ लाख पाठकों तक पहुँचता है। रघुरामन का कॉलम समूह द्वारा प्रकाशित अखबारों के दो सर्वाधिक पठनीय कॉलमों में से एक है, जो पिछले सात वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रहा है। डी.एन.ए. में भी ‘मेट्रोनामा’ और ‘पॉजीटिव थिंकिंग’ के अंतर्गत उनके साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित होते हैं। आई.आई.टी., मुंबई से मार्केटिंग ऐंड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स कर चुके रघुरामन मुंबई यूनिवर्सिटी व एन.एन.डी.टी. यूनिवर्सिटी से जुड़े मुंबई के कॉलेजों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भी अपनी सेवाएँ देते हैं।.
EAN: 9788173158810
Package Dimensions: 8.7 x 5.6 x 0.6 inches
Languages: Hindi