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Book Details
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Author: Ram Aheju
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: 2000
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ISBN: 9788170336402
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Pages: 488
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Cover: Paperback
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Dimensions: 8.3 x 5.4 x 0.9 inches
About the Book
वर्तमान भारतीय समाज अब परम्परागत स्वरूप में सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे एक आधुनिक समाज के रूप में देखा जाने लगा है। नियोजित प्रयासों और नीतिगत परिवर्तनों से सामाजिक व्यवस्था में आए बदलावों ने जहां सकारात्मक पहलुओं को जन्म दिया है, वहीं उनके नकारात्मक परिणाम भी उजागर हुए हैं। उदाहरणस्वरूप, यदि आज आरक्षण नीति कार्यात्मक है और आने वाले दशकों में विकार्यात्मक सिद्ध होती है, तो क्या सशक्त अभिजन इसमें आवश्यक सुधार कर पाएंगे? इसी प्रकार, यदि कमजोर वर्गों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के आंदोलनों को समय रहते संतुलित नहीं किया गया, तो सामाजिक असंतोष को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
इस पुस्तक में भारतीय सामाजिक संरचना के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और पुनर्मूल्यांकन किया गया है। इसमें समकालीन भिन्नताओं, उदीयमान प्रवृत्तियों और भावी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारतीय समाज को वर्तमान और उभरते वैश्विक परिवेश के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है।
पुस्तक विशेष रूप से समाजशास्त्र के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।
विषय सूची में शामिल प्रमुख अध्याय:
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भारतीय समाज का ऐतिहासिक परिदृश्य
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सामाजिक स्तरीकरण
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अनुसूचित जातियाँ, अस्पृश्यता और पिछड़ा वर्ग
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परिवार, विवाह और नातेदारी
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आर्थिक प्रणाली
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राजनैतिक व्यवस्था
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शैक्षिक व्यवस्था
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धर्म और जनजातीय समाज
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ग्रामीण एवं नगरीय सामाजिक संगठन
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जनसंख्या गतिकी
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भ्रष्टाचार, काला धन और तस्करी
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सामाजिक परिवर्तन और आधुनिकीकरण
About the Author
राम आहूजा, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के समाजशास्त्र विभाग के भूतपूर्व प्राध्यापक हैं। उन्होंने अपने व्यापक शिक्षण और शोध अनुभव के आधार पर अनेक पुस्तकें लिखी हैं और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध-पत्र प्रकाशित किए हैं। वे पिछले दो दशकों से विभिन्न पुलिस अकादमियों और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों में अतिथि वक्ता के रूप में सक्रिय रहे हैं। उनके प्रमुख शोध क्षेत्रों में अपराधशास्त्र, महिला अध्ययन, राजनीतिक समाजशास्त्र और सामाजिक समस्याएँ शामिल हैं।