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Ek Sau Dalit Aatmkathayen (Hindi Edition)

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Book Details

  • संपादक: मोहनदास नैमिशराय

  • प्रकाशक: -

  • भाषा: हिंदी

  • संस्करण: 1st Edition

  • आईएसबीएन: 9789390678389

  • पृष्ठ संख्या: 532

  • कवर: पेपरबैक

  • प्रकाशन तिथि: 20 दिसंबर 2021


About the Book

एक सौ दलित आत्मकथाएँ: इतिहास एवं विश्लेषण एक शोधपरक कृति है, जो दलित समाज की जटिलताओं, संघर्षों और उत्पीड़न को विस्तार से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक दलित साहित्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करती है और इसके माध्यम से पाठकों को भारतीय समाज की वर्ण व्यवस्था और दलित जीवन की कड़वी सच्चाइयों से अवगत कराती है। आत्मकथाओं के रूप में प्रस्तुत ये जीवित गाथाएँ न केवल व्यक्तिगत संघर्षों का चित्रण करती हैं, बल्कि समाज की सामाजिक असमानता और जातिवाद के प्रति गहरी आलोचना करती हैं।
पुस्तक में जिन आत्मकथाओं का संकलन किया गया है, उनमें गहन पीड़ा, शोषण और सामाजिक भेदभाव की कहानी है। यह उन दलित जीवनों का जीवंत चित्रण है, जिन्होंने लंबे समय तक समाज के हाशिये पर रहते हुए अपनी जीवन यात्रा को संजोया है। इस कृति में विशेष रूप से कौशल्या बैसंत्री और बलबीर माधोपुरी जैसे लेखकों के योगदान को दिखाया गया है, जिनकी लेखनी ने दलित समाज के दुःख और संघर्ष को सशक्त रूप से व्यक्त किया है।


About the Author

मोहनदास नैमिशराय
मोहनदास नैमिशराय हिंदी दलित साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। उन्होंने दलित समाज के अनुभवों और संघर्षों को साहित्य के माध्यम से व्यक्त किया और समाज में उनके लिए बेहतर अधिकारों की मांग की। नैमिशराय के लेखन में दलित समाज के संघर्षों, उनके आत्मसम्मान और मुक्ति की आवाज़ गूंजती है।