Dr. Harisingh Gaur: Ek Prerak Vyaktitva (Hindi)
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- Author: B.K. Srivastav
- Brand: D.K. Printworld
- Binding: Paperback
- Number of Pages: 252
- Release Date: 01-01-2021
- Publisher: D.K. Printworld
- ISBN/EAN: 9788124610848
- Languages: Hindi
- Package Dimensions: 9.1 x 5.9 x 0.9 inches
Details:
डा. हरीसिंह गौर ने एक गरीब परिवार से उठकर अपने परिश्रम, बुद्धिमानी, लगनशीलता, धैर्य, आत्म-विश्वास एवं दृढ़ निश्चय जैसे गुणों के बल पर कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी जैसे उस समय के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान से शिक्षा प्राप्त की। निरन्तर प्रगति करते हुये अपने समय के बुद्धिजीवों की प्रथम पंक्ति में आ गये। अपनी सृजनात्मक क्षमता का उपयोग करते हुये साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कवितायें एवं निबंध लिखे, कानून के क्षेत्र में उच्च कोटि के प्रख्यात ग्रन्थ लिखे एवं धर्म के क्षेत्र में ‘स्प्रिट आॅफ बुद्धिज्म’ जैसी श्रेष्ठ पुस्तक लिखी। वे उच्च कोटि के विधिवेत्ता थे, उस दौर में वकालात करते हुये सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये। कुशल राजनीतिज्ञ की भूमिका निभाते हुये विधान परिषद् में समाज सुधार एवं महिलाओं की स्वतंत्रता विषयक अधिनियम पारित कराये। संस्थापक वाइस चांसलर के रूप में कुशल प्रशासक एवं प्रबुद्ध शिक्षाशास्त्री होने का परिचय देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय को संगठित किया। अपने जीवनभर की कमाई का सदुपयोग विद्यादान में करते हुये सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की और महादानी कहलाये। डा. गौर का सम्पूर्ण जीवन अनुकरणीय है। पुस्तक को सहज, सरल एवं बोधगम्य शैली में लिखकर यथासंभव प्रेरणास्पद बनाने का प्रयास किया गया है। छात्र, शोधार्थी एवं आम पाठक इसे पढ़कर डा. गौर के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व का विकास करते हुये अपने जीवन एवं कर्मक्षेत्र में सफलता प्राप्त करें, इसी आशा से पुस्तक लिखी गई है। पुस्तक इतनी रोचक एवं ज्ञानवर्द्धक है कि इसे पढ़कर आप अपने आपको धन्य महसूस करेंगे।


