समकालीन भारतीय संघवादः चुनौतियाँ, अवसर एवं संभावनाएँ (SAMKALEEN BHARTIYA SANGHVAD) (Contemporary Indian Federalism)
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Book Details:
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Author: Y. S. Sisodiya, U. S. Rajput, P. K. Mishra
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: First Edition
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ISBN: 9788131614204
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Pages: 260
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Cover: Hardcover
About the Book
संघवाद का अभिप्राय केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारों के मध्य विधायी, वित्तीय और कार्यकारी शक्तियों के विवेकपूर्ण विभाजन से है, जिससे प्रत्येक सरकार अपनी सीमाओं के भीतर स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में संघवाद लोकतंत्र की सफलता और राष्ट्रीय एकता का एक बुनियादी आधार है।
यह पुस्तक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किये गए लेखों का संकलन है, जिसमें भारतीय संघवाद के विभिन्न पक्षों जैसे संवैधानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं का गहन विश्लेषण किया गया है। नीति आयोग, वित्त आयोग, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और कोविड-19 महामारी जैसे समकालीन विषयों पर संघीय व्यवस्था पर उनके प्रभाव का अध्ययन भी इसमें शामिल है।
कुल 18 शोधपरक लेखों को चार प्रमुख खंडों में विभाजित किया गया है:
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संघवाद की वैचारिकी एवं सामयिकी
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सहकारी संघवाद, विकेन्द्रीकरण, समन्वय एवं सहकार
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केन्द्र-राज्य सम्बन्ध
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वित्तीय संघवाद
यह पुस्तक न केवल शोधकर्ताओं व शिक्षाविदों के लिए बल्कि नीति निर्माताओं, योजनाकारों, राजनीतिक प्रतिनिधियों और मीडिया कर्मियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
About the Authors / Editors
प्रो. यतीन्द्रसिंह सिसोदिया – म.प्र. सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान, उज्जैन के निदेशक। 22 पुस्तकों का लेखन/संपादन और 100 से अधिक शोध लेख प्रकाशित। प्रोपे. जी. राम रेड्डी सामाजिक वैज्ञानिक पुरस्कार (2017) से सम्मानित।
उदय सिंह राजपूत – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में सहायक प्राध्यापक। जनजातीय विकास व पंचायती राज पर 4 पुस्तकों और कई शोध लेखों के लेखक।
पुष्पेन्द्र कुमार मिश्र – देवनागरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलावठी (उ.प्र.) में सहायक प्राध्यापक। ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर कार्य।

