Naya Brahman
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Author: Surajpal Chauhan
Brand: Vani Prakashan
Edition: 2nd
Features:
- Vani Prakashan
Binding: Hardcover
Number Of Pages: 128
Release Date: 01-03-2023
EAN: 9788150000255
Package Dimensions: 8.5 x 5.6 x 0.6 inches
Languages: Hindi
Details: नया ब्राह्मण - -पाठकीय प्रतिक्रियाएँ सूरजपाल चौहान की कहानियाँ सामाजिक सन्ताप और सम्यक परिवर्तनवादी शक्ति से भरपूर हैं। -कमलेश्वर, प्रसिद्ध कथाकार, नयी दिल्ली सूरजपाल चौहान की कहानियाँ दलित वर्ग की नयी पीढ़ी के अन्तर्द्वन्द्व को सामने रखती हैं। -प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी, नयी दिल्ली सूरजपाल चौहान की कहानियों में दलित-विमर्श के सभी मुद्दे मौजूद हैं, जो इस समय चर्चा और बहस में है। -राजेन्द्र यादव, वरिष्ठ कथाकार एवं सम्पादक 'हंस' सामयिक परिवेश का यथार्थ एवं चित्रण, बग़ैर लाग-लपेट के जितना ख़ूबसूरत तरीक़े से कथाकार सूरजपाल चौहान करते हैं, वह अन्य समकालीन साहित्यकारों में कम ही देखने को मिलता है। -प्रो. काशीनाथ सिंह, वाराणसी कहानीकार के रूप में सूरजपाल चौहान का नाम अब अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने दलित समाज में जो कुछ देखा, जाना और भोगा उसे बड़े सूक्ष्म विश्लेषण के साथ यथार्थ के धरातल पर प्रस्तुत किया है। मन को देर तक आन्दोलित करती हैं चौहान की कहानियाँ। -डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी, नयी दिल्ली सूरजपाल चौहान की कहानियाँ उन पूर्वग्रहों एवं मान्यताओं को धूल-धूसरित करने में सक्षम हैं जो यह घोषित करते हैं कि दलित साहित्य के पास सवर्णों को गरियाने के इतर विषय ही नहीं हैं। सूरजपाल चौहान की कहानियाँ दिल एवं दिमाग़ दोनों को झनझना देने वाली हैं। -अमित कुमार, गोरखपुर