मेरा जीवन: संघर्ष और उपलब्धि (My Life: Struggle and Achievements)
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Book Details
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Author: के.एल. शर्मा (K.L. Sharma)
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: 2023
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ISBN: 9788131613351
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Pages: 356
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Cover: Hardcover
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Release Date: 17-06-2023
About the Book
जीवन की जटिलता, संघर्ष और उपलब्धियों का जीवन्त चित्रण करने वाली यह आत्मकथा प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रोफेसर के.एल. शर्मा के जीवन के विविध पहलुओं को उजागर करती है। लेखक ने राजस्थान के शेखावाटी अंचल के एक दूरस्थ गांव से निकलकर देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं तक के सफर को बेहद संवेदनशील और पारदर्शी ढंग से प्रस्तुत किया है। पुस्तक में गांव की सामाजिक संरचना, जातीय पृष्ठभूमि, गरीबी, शिक्षा से वंचित रहने की पीड़ा और उन सब बाधाओं को पार करते हुए एक मान्य विद्वान बनने की गाथा पाठकों को प्रेरित करती है।
इस आत्मकथा में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में 32 वर्षों तक के शिक्षण और शोध कार्य का जीवंत दस्तावेज़ प्रस्तुत किया गया है, साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय और जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में कुलपति के रूप में कार्यकाल का भी गंभीर विश्लेषण मिलता है। इसमें लेखक के व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन, उनके समकालीन सहयोगियों, विद्यार्थियों, मार्गदर्शक प्रो. योगेन्द्र सिंह के साथ अनुभवों को भी आत्मीयता से साझा किया गया है।
बीस अध्यायों में विभाजित यह आत्मकथा एक संपूर्ण जीवनचक्र की प्रमाणिक प्रस्तुति है। इसमें शिक्षा, शोध, प्रशासनिक अनुभवों, अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और सामाजिक योगदान का सजीव वर्णन है। यह पुस्तक न केवल शिक्षाविदों और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि जीवन के प्रति दृष्टिकोण को व्यापक और संवेदनशील बनाने में भी सहायक सिद्ध होती है।
About the Author
प्रोफेसर के.एल. शर्मा समाजशास्त्र के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने जेएनयू, दिल्ली में 32 वर्षों तक अध्यापन व शोध कार्य किया और कुलपति, रेक्टर जैसे उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्य करते हुए शैक्षणिक जगत में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके द्वारा रचित 27 पुस्तकें और 100 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। फ्रांस, ब्राजील, चीन, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे अनेक देशों में शैक्षणिक आमंत्रण प्राप्त करने वाले प्रो. शर्मा ने हिन्दी भाषा में लेखन को भी महत्त्वपूर्ण स्थान दिया है। उनकी आत्मकथा न केवल उनके जीवन की सच्ची गाथा है, बल्कि यह समाज और शिक्षा जगत का भी प्रतिबिंब प्रस्तुत करती है।

