Main Hindu Kyon Hoon
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Author: Shashi Tharoor
Brand: Vani Prakashan
Edition: 2nd
Binding: hardcover
Format: Big Book
Number Of Pages: 356
Release Date: 01-12-2018
Details: ‘‘इक्कीसवीं सदी में, हिन्दूवाद में एक सार्वभौमिक धर्म के बहुत-से गुण दिखाई देते हैं। एक ऐसा धर्म, जो एक निजी और व्यक्तिवादी धर्म है; जो व्यक्ति को समूह से ऊपर रखता है, उसे समूह के अंग के रूप में नहीं देखता। एक ऐसा धर्म, जो अपने अनुयायियों को जीवन का सच्चा अर्थ स्वयं खोजने की पूरी स्वतन्त्रता देता है और इसका सम्मान करता है। एक ऐसा धर्म, जो धर्म के पालन के किसी भी तौर- तरीक़े के चुनाव की ही नहीं, बल्कि निराकार ईश्वर की किसी भी छवि के चुनाव की भी पूरी छूट देता है। एक ऐसा धर्म, जो प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं सोच-विचार करने, चिन्तन-मनन और आत्म-अध्ययन की स्वतन्त्रता देता है।’’ ‘‘हिन्दूवाद एक अन्तर-निर्देशित या अन्तर-उन्मुख धर्म है जो आत्म-बोध पर और आत्मा और ब्रह्म (परमात्मा) के मिलन या एकात्मता पर ज़ोर देता है। दूसरी तरफ़,हिन्दुत्व एक बाह्य-उन्मुख धारणा है, जो एक राजनीतिक उद्देश्य के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान पर केन्द्रित है। इसलिए ‘हिन्दुत्व’ हिन्दूवाद के केन्द्रीय सिद्धान्तों और मान्यताओं से पूरी तरह कटी हुई धारणा है। फिर भी यह हिन्दूवाद की पीठ पर सवार होकर और इसका प्रतिनिधित्व करने का दावा करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है। यह हिन्दू धर्म को ईश्वर के साथ जुड़ने के माध्यम की बजाय एक सांसारिक-राजनीतिक पहचान के बिल्ले के रूप में देखती है। इसका स्वामी विवेकानन्द या आदि शंकराचार्य के हिन्दूवाद से कुछ भी सम्बन्ध नहीं है।’
EAN: 9789388434669
Package Dimensions: 8.8 x 5.7 x 1.1 inches
Languages: Hindi

