MAHATMA ROGI KIYO
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Author: Dr. N.K Sharma
Brand: TEENAGE PUBLISHERS
Edition: First Edition
Binding: paperback
Number Of Pages: 88
Release Date: 17-02-2022
EAN: 9789385385575
Package Dimensions: 7.1 x 4.3 x 0.8 inches
Languages: Hindi
Details: अधिकतर हमारे महात्माओं के सेठों की तरह तोंद निकली हुई होती है।।
अधिकतर महात्माओं के शरीर और चेहरे में स्वास्थ्य की झलक तक नहीं होती।।
कई महात्मा स्वाभाविक मौत के बजाय हार्ट अटैक से मरते है एक सामान्य तनावपूर्ण संसारी व्यक्ति की तरह।।
कई महात्माओं के बाईपास सर्जरी होती है, क्यों ये जीवन भर अपनी खान-पान की सुध नहीं रख पाएँ, ये कैसे बेहोश महात्मा? ।
क्ई महात्माओ को उच्चरक्तचाप की बीमारियाँ है। कई महात्माओं को मधुमेह की बीमारी सामान्य मानी जाती हैं।।
कई महात्मा विशेषकर नामचिन महात्मागण़ कैंसर जैसे महारोग से पीड़ित होकर मरें हैं। कई तो अल्पायु में मरे हैं।।
कब्ज, बवासीर, मोतिया, गंजापन, स्पोंडिलाइटिस, हर्निया जैसी बीमारियाँ तो आम पाई जाती है। जो उनके ग़लत आहार, ग़लत जीवन, व्यायाम की कमी के प्रत्यक्ष प्रमाण है।।
ये कैसे महात्मा कि जिन्हें सही आहार और व्यायाम का महत्वही नहीं पता ? ।
कई महात्मागण़, सामान्य व्यक्तियों की तरह आम(प्रचलित) पकाहुआ (रोगकारक) भोजनदिन-रात उपयोग करते हैं, कई तो चाय, काॅफी एवं अन्य नशीले पदार्थों के ज़बरदस्त आदी हैं और वे इसे भगवान का प्रसाद कहकर खुद को तथा समाज को धोखा देते हैं।।
कई महात्मागण तो ब्रेड, बिस्कीट, गरीष्ठ मिठाईयाँ, नमकीन, तली हुई वस्तुएँ नियमित अथवा अक्सर उपयोग करते हैं, कई तो कोल्ड ड्रींक्स तक पीने में संकोच नहीं करते है? ।
ऐसे प्रसाद खाकर या बाँटकर शरीर पर हिंसा करने वाले ये कैसे महात्मा ? ।
जो शरीर तक को जीत नहीं सकें वो आत्मा को जीतने की बात करते हैं।।