👨‍💼 CUSTOMER CARE NO +918468865271

⭐ TOP RATED SELLER ON AMAZON, FLIPKART, EBAY & WALMART

🏆 TRUSTED FOR 10+ YEARS

  • From India to the World — Discover Our Global Stores

🚚 Extra 10% + Free Shipping? Yes, Please!

Shop above ₹5000 and save 10% instantly—on us!

THANKYOU10

Kahani : Aaj Ki Kahani

Sale price Rs.207.00 Regular price Rs.295.00
Tax included


Genuine Products Guarantee

We guarantee 100% genuine products, and if proven otherwise, we will compensate you with 10 times the product's cost.

Delivery and Shipping

Products are generally ready for dispatch within 1 day and typically reach you in 3 to 5 days.

Get 100% refund on non-delivery or defects

On Prepaid Orders

Author: Gyanranjan

Brand: Vani Prakashan

Edition: First Edition

Binding: hardcover

Number Of Pages: 96

Release Date: 23-11-2023

Details: ‘कहानी : आज की कहानी’ पुस्तक में प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह से कथाकार सुरेश पाण्डेय द्वारा की गयी एक लम्बी बातचीत है । यह साक्षात्कार नामवर जी के उल्लेखनीय साक्षात्कारों में से एक है। इसमें हिन्दी कथा-साहित्य पर बातचीत का 'नयी कहानी' से लेकर 'समान्तर कहानी आन्दोलन' के बाद तक का एक विस्तृत कैनवस मौजूद है । इसमें नामवर जी जो पहले कविता के आलोचक थे, कैसे कथा-समीक्षा के क्षेत्र में आये, इसका एक रोचक संवाद है। जिसमें वे बताते हैं कि जिस विधा को लेकर उनमें एक हिचक थी, वह कैसे उनके आत्मविश्वास में बदल गयी और कथा-समीक्षा काव्य-समीक्षा की तरह ही ज़रूरी बन गयी । इस साक्षात्कार में नामवर सिंह ने देशकाल के भीतर 'नयी कहानी' के 'नयी' विशेषण से लेकर निर्मल वर्मा सहित उससे जुड़े लेखकों के कथ्य, भाषा, शैली, अनुभव, द्वन्द्व-अन्तर्द्वन्द्व, औचित्य, परम्परा, प्रभाव, भिन्नता, प्रगतिशीलता, गैर-प्रगतिशीलता आदि के अन्वेषण और विश्लेषण का जो एक लम्बा ब्योरा सामने रखा है, उससे इस कथा आन्दोलन का पूरा वितान तो समझ में आता ही है, कई अनछुई अनदेखी बारीकियाँ भी दृष्टिगोचर होती हैं। इस साक्षात्कार में वे 'नयी कहानी' से पहले और बाद की कहानियों पर भी अपना गहन विवेचन प्रस्तुत करते हैं, जिससे पीढ़ियों के कथा-लेखन का तुलनात्मक अध्ययन भी सामने आता है। इससे हम जान सकते हैं कि कोई कथाकार कैसे अपनी पिछली पीढ़ी से अलग है या किसी के लेखन में वह क्या दोष, जिससे उसका लेखन अपने समय का तो है लेकिन उसमें नयेपन के स्तर पर कुछ नया नहीं; और अगर प्रभाव या पुनरावृत्ति भी है तो वह क्यों और किस तरह । नामवर सिंह के इस साक्षात्कार से यह पहली बार जाना जा सकता है कि वे मुक्तिबोध की कहानियों पर चाहकर भी क्यों नहीं लिख पाये। उन्होंने क्यों कहा कि मुक्तिबोध और परसाई ही ऐसे दो लेखक थे, जिन्होंने आज़ादी के बाद के मोहभंग की पीड़ा को पहले-पहल साक्षात्कार किया; या यह कि भीष्म जी इधर जो यशस्वी हुए, उसका कारण उनकी कहानियाँ नहीं, उपन्यास हैं; या शिवप्रसाद सिंह और अमरकान्त पर वे जिस गहनता के साथ बात करते हैं, उसी गहनता के साथ सातवें दशक के कथाकारों पर बात करते हुए रेखांकित करते हैं कि ज्ञानरंजन जैसा समर्थ कथाकार लिखना बन्द कर दे तो कहानी के पाठक होने के नाते यह एक अभाव तो खटकता ही है; या यह कि 'काला रजिस्टर' कहानी रवीन्द्र कालिया की वापसी थी; या फिर यह कि इस दौर के महत्त्वपूर्ण कथाकार असगर वजाहत और स्वयं प्रकाश हैं जो कहानी की सीमा को समझते हैं। इस तरह देखें तो कहानी: आज की कहानी एक ऐसी पुस्तक है जिसमें प्रेमचन्द से लेकर उदय प्रकाश तक की चर्चा है । और हिन्दी कथा-साहित्य पर यह मात्र एक पुस्तक नहीं, एक दस्तावेज़ भी है जिससे कथाप्रेमी बहुत कुछ जानना, सीखना तो चाहेंगे ही, सदा साथ भी रखना चाहेंगे।

EAN: 9789357752893

Package Dimensions: 9.4 x 6.3 x 0.8 inches

Languages: Hindi