जल संसाधन भूगोल (JAL SANSADHAN BHOOGOL – Water Resource Geography) – Hindi
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Book Details
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Author: रामकुमार गुर्जर, बी.सी. जाट
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Publisher: Rawat Publications
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ISBN: 9788170339762
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Language: Hindi
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Binding: Hardcover
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Pages: 608
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Dimensions: 215 x 140 x 17 cm
About the Book
जल संसाधन भूगोल एक महत्वपूर्ण और अद्यतन पुस्तक है जो जल संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं को विस्तार से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक जल के वैश्विक वितरण, इसके गुणात्मक और मात्रात्मक पहलुओं, और जल के पोषणीय उपयोग पर बल देती है। पुस्तक में जल संकट, जल प्रबंधन की पारंपरिक और वैज्ञानिक विधियों, जल प्रदूषण, जल-फसल सहसम्बन्ध, नदी जल विवाद, और जल संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं पर चर्चा की गई है।
पुस्तक में जल के कृषि, घरेलू और उद्योगों में उपयोग, जल प्रदूषण, और जल के महत्व को विस्तार से समझाया गया है। विशेष रूप से नदी जल विवाद, अंतर्बेसिन जल स्थानांतरण और जल प्रबंधन के लिए नये दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, इसमें सूखा प्रबंधन, जल संरक्षण और पारंपरिक जल संरक्षण विधियों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। यह पुस्तक विशेष रूप से स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक बहुमूल्य संसाधन है।
Contents
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जल संसाधन भूगोल की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र
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विश्व जल संसाधनों का वितरण एवं सूचीकरण
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भारत के जल संसाधन
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भूजल
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जलीय चक्र
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जल की माँग एवं उपयोग
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सिंचाई की विधियाँ
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लवणता, क्षारीयता, भूजल का अतिदोहन एवं आर्सेनिक की समस्या
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जल प्रदूषण
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नदी जल प्रदूषण
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उद्योगों में जल की माँग एवं जलापूर्ति
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बाढ़ प्रबंधन
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सूखा एवं शुष्क कृषि
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जल संरक्षण
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भारत में जल संरक्षण की पारम्परिक विधियाँ
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समन्वित नदी घाटी नियोजन
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जलग्रहण प्रबन्धन
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नदी जल विवाद
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सुदूर संवेदन तकनीक द्वारा जल प्रबन्धन
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पर्यावरणीय आपदायें तथा जल संकट
About the Author / Editor
रामकुमार गुर्जर वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में भूगोल विभाग के सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने जल संसाधन और प्रबंधन पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किए हैं, जिसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘यंग साइन्टिस्ट अवार्ड’ प्रदान किया गया है।
बी.सी. जाट ने जल संसाधन और जलग्रहण प्रबंधन में अनुसंधान कार्यों की उत्कृष्टता को स्थापित किया है और वे भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून से विशिष्ट पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित हैं। वर्तमान में वे राजस्थान के नीमकाथाना में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में व्याख्याता हैं।