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Book Details
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Publisher: Rawat Publications
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Author: H. Rawat
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Language: Hindi
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ISBN: 9788170337416
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Pages: 556
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Cover: Paperback
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Dimensions: 8.4 x 5.6 x 0.9 inches
About the Book
मानवशास्त्र (मानवविज्ञान) अब न तो एक अज्ञात विषय है और न ही इसका अध्ययन केवल आदिम जातियों या इतर संस्कृतियों तक सीमित रह गया है। आज यह मानवीय ज्ञान के सबसे चुनौतीपूर्ण और तीव्र गति से विकसित होने वाले विषयों में से एक है, जिसने हमारे विश्व को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके समष्टिवादी और पार-सांस्कृतिक दृष्टिकोण ने सिद्धांत और पद्धति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिससे शोधकर्ताओं और सामान्यजन दोनों को आकर्षण हुआ है।
इस विश्वकोश में मानवविज्ञान की सभी प्रमुख शाखाओं — भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक — के साथ-साथ पुरातत्वशास्त्र, पारिस्थितिकी, मानव उद्विकास, और भाषा विज्ञान से संबंधित लगभग सभी प्रमुख संकल्पनाओं, धारणाओं और उपागमों को शामिल किया गया है। पुस्तक को अद्यतन बनाने के लिए इसमें उद्विकासवाद, प्रसारवाद, प्रकार्यवाद, संरचनावाद, प्रक्रियात्मक, क्रियान्मुखी, मार्क्सवादी सिद्धांत, सापेक्षवाद, उत्तर-संरचनावाद, अधुनातन व्याख्यात्मक दृष्टिकोण, उत्तर-आधुनिकतावादी विचारधाराएँ, साथ ही वैश्वीकरण, विश्व व्यवस्था सिद्धांत, स्टेम सेल और क्लोनिंग जैसे नवीनतम विषयों को भी सम्मिलित किया गया है।
यह ग्रंथ मुख्य रूप से विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखा गया है, लेकिन यह अकादमिक मानवशास्त्रियों और सामान्य पाठकों के लिए भी एक मूल्यवान संदर्भ स्रोत है। कठिन शब्दों और अवधारणाओं को सरल बनाने के लिए उनके साथ अंग्रेज़ी शब्दों को देवनागरी लिपि में भी प्रदान किया गया है।
About the Author:
हरिकृष्ण रावत ने अपना शैक्षिक सफर महाराजा कॉलेज, जयपुर से शुरू किया, जब राजस्थान के चुनिंदा महाविद्यालयों में ही समाजशास्त्र पढ़ाया जाता था। बाद में वे सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय, ब्यावर में स्थानांतरित हुए, जहाँ उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर लंबे समय तक अध्यापन किया। उपाचार्य और प्राचार्य के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव अर्जित किया और 1992 में सेवानिवृत्त हुए।