Bhoo-Akriti Vigyan (Geomorphology) (Hindi)
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Book Details
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Author: B. C. Jaat
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: 2004
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ISBN: 9788170338765
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Pages: 394
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Cover: Paperback
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Sale Territory: India
About the Book
भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) एक अत्यंत महत्वपूर्ण और नवोत्थानशील विषय है, जिसमें पृथ्वी के स्थलरूपों की उत्पत्ति, विकास, परिवर्तन और उनके अंतःक्रियात्मक संबंधों का अध्ययन किया जाता है। यह विषय विभिन्न भौगोलिक कारकों की भूमिका को समझने के संदर्भ में पृथ्वी के भू-आकृतियों के विभिन्न प्रक्रमों का विश्लेषण करता है।
इस पुस्तक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार भू-आकृति विज्ञान की विस्तृत पाठ्यचर्या प्रस्तुत की गई है। इसमें पृथ्वी पर सम्पन्न विभिन्न भौगोलिक क्रियाओं की सक्रियता और इनसे उत्पन्न भू-आकारों की भौगोलिक व्याख्या पर विशेष ध्यान दिया गया है। पुस्तक में पृथ्वी के भूगर्भिक इतिहास का भी संक्षिप्त परिचय दिया गया है, जिसमें महाद्वीपीय विस्थापन, सागर नितल प्रसरण, प्लेट विवर्तनिकी, भूसंचालन आदि विषयों को शामिल किया गया है।
भू-आकृति विज्ञान की संकल्पनाओं को स्पष्ट करते हुए, भू-आकृतियों के निर्माण और अपरदन चक्र की सटीक व्याख्या भी की गई है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में हिमनदीय स्थलाकृतियों, जलीय और वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृतियों, तटीय भूआकृतियों और भूजल के कार्य पर भी चर्चा की गई है। पुस्तक में व्यावहारिक भू-आकृति विज्ञान के अंतर्गत मानव हित में उपयोगी पहलुओं को भी प्रमुखता से उठाया गया है।
यह पुस्तक विशेष रूप से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों, संघ लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
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भूआकृति विज्ञान की प्रकृति, विषय क्षेत्र एवं संकल्पनाएँ
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पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास
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पृथ्वी की आंतरिक संरचना
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महाद्वीपीय विस्थापन एवं प्लेट विवर्तनिकी
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भू-संचलन
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भूसंतुलन की संकल्पना
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भूकंप
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ज्वालामुखी
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भूपर्पटी का संगठन: चट्टानें
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अनाच्छादन एवं अपक्षय
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मृदा निर्माण एवं वितरण
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ढाल
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पर्वत एवं पर्वत निर्माणकारी संचलन
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भूगतिक प्रक्रियाएँ
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अपरदन चक्र की संकल्पना
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जलीय स्थलाकृतियाँ
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वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ
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हिमनद के कार्य एवं हिमानीकृत स्थलाकृतियाँ
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भूमिगत जल के कार्य
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तटीय भूआकृतियाँ
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व्यावहारिक भू-आकृति विज्ञान
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जलीय चक्र एवं जलमंडल
About the Author
डॉ. बी.सी. जाट राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नीम का थाना (राजस्थान) में भूगोल विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। आपने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से एम.ए., एम.फिल और पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। पिछले एक दशक से वे शोध एवं अध्यापन कार्य में संलग्न हैं और भूगोल तथा पर्यावरण विषयों पर कई पुस्तकें लिखी हैं।

