Aakhir kya Hua ?
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Author: Loknath Yashwant
Brand: Vani Prakashan
Edition: First Edition
Features:
- Vani Prakashan
Binding: Hardcover
Number Of Pages: 76
Release Date: 01-01-2015
Details: Aakhir kya Hua ?
EAN: 9789350729366
Package Dimensions: 8.8 x 5.3 x 0.4 inches
Languages: Hindi
आखिर क्या हुआ! -
लोकनाथ यशवंत की कविता ईसा मसीह को कीलें ठोंकने वाली हिंसा सत्ता से दूर है। यूँ देखा जाये तो प्रत्येक जनकवि, कलाकार हमेशा सरकारी सत्ता, दमनसत्ता के विरोध में ही रहता है। अच्छे लोककवि की प्रमुख विशेषता यह होती है कि वह हमेशा जनता का पक्षधर होता है और प्रस्थापितों का विरोध करता है। वामपंथी विचार उसके काव्य की प्रमुख विशेषता होती है। ताकत होती है। लोकनाथ यशवंत की कविता सामान्यजन की कविता है। कवि नग्न व्यवस्था का आईना सहजता तथा स्पष्टता से बतला देता है और इसीलिए उनकी कविता सभी शोषितों की कविता बन जाती है...।
- बाबुराव बागूल
अन्तिम पृष्ठ आवरण -
तेज़ तर्रार नज़रों का एक गिद्ध
चक्कर लगाकर चला गया... और मौत के अहसास से
हराभरा खेत लोहे का हो गया।
खेतों ने मिट्टी को नकारा
रबड़ की गाँव भूमि पत्थर हो गयी...
माँ की नज़र से व्यवहार बोलने लगा
जब एक गिद्ध अपनी नज़र से गाँव को देखकर चला गया।
यहाँ के पेड़ अब सीमेंट के हो जायेंगे,
हमारे होंठ पानी माँगकर सूख जायेंगे।
एक बिल्डर इधर आ क्या गया,
हमारा रुई जैसा दिल कंकरीट का हो गया।