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Uttaradhuniktawad: Postmodernism

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Book Details:

  • Author: Bhola Prasad Singh, Ravi Shankar Prasad Singh

  • Publisher: Rawat Publications

  • Language: Hindi

  • Edition: 2016

  • ISBN: 9788131607565

  • Pages: 296

  • Cover: Hardcover

  • Dimensions: 7.9 x 5.5 x 1.6 inches


About the Book

आज के वैश्विक बौद्धिक परिदृश्य में उत्तरआधुनिकतावाद एक चर्चित और प्रभावशाली अवधारणा बन चुकी है। 1990 के दशक में पश्चिमी समाज और सांस्कृतिक चिंतन में उत्पन्न इस विचारधारा ने परंपरागत मान्यताओं को नकारते हुए एक वैकल्पिक चिंतन प्रणाली प्रस्तुत की। यह आंदोलन साहित्य, कला, वास्तुकला, समाजविज्ञान, दर्शन और भाषा जैसे क्षेत्रों में व्याप्त मूलभूत परिवर्तनों को सामने लाता है।

यह पुस्तक उत्तरआधुनिकतावाद की दार्शनिक स्थापनाओं, अवधारणाओं, सिद्धांतकारों और इसके सामाजिक विज्ञान पर प्रभावों का सम्यक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। विशेष रूप से यह पुस्तक यह बताती है कि यह विचारधारा किस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक तर्क, ऐतिहासिक मान्यताओं, और पारंपरिक राजनीतिक-सामाजिक मूल्यों को चुनौती देती है।

मुख्य विषयवस्तु:

  • उत्तरआधुनिकतावाद: एक परिचय

  • प्रमुख सिद्धांतकार और अवधारणाएं

  • उत्तरआधुनिकतावाद और विज्ञान, नारीवाद, जीवनशैली

  • तृतीय संसार के देशों में प्रभाव

  • सामाजिक विज्ञान में प्रभाव और समालोचना

विशेषताएं:

  • हिन्दी में इस विषय पर पहली और सर्वाग्राही पुस्तक

  • सामाजिक विज्ञान के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और अध्यापकों के लिए अत्यंत उपयोगी

  • उत्तरआधुनिक दृष्टिकोण को सहज और बोधगम्य शैली में समझाने का प्रयास


About the Author / Editor

भोला प्रसाद सिंह भागलपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष एवं सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष रह चुके हैं। वे L.N. मिथिला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति भी रह चुके हैं और अब स्वतंत्र लेखन में सक्रिय हैं।
रवि शंकर प्रसाद सिंह जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने राजनीतिक समाजशास्त्र और आधुनिक राजनीति विज्ञान पर कई लेखन कार्य किए हैं।