Kundalini Sadhna Prasang [Hindi]
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Author: Arun Kumar Sharma
Brand: Astha Prakashan Mandir
Binding: paperback
Number Of Pages: 200
Release Date: 01-12-2022
Details:
कुण्डलिनी साधना प्रसंग में बहुत सारे प्रसंगों का वर्णन एवं अलौकिक चमत्कारपूर्ण घटनाओं का भी उल्लेख है। जिसे पारलौकिक
जगत भी कह सकते हैं। विश्व जगत में तीन मुख्य जगत हैं। आत्ममय जगत, मनोमय जगत और पदार्थमय जगत। इन तीनों का अपना-अपना विज्ञान है। आत्ममय जगत का विज्ञान अध्यात्म है। वहीं मनोमय जगत का विज्ञान है मनोविज्ञान और परामनोविज्ञान। उसी प्रकार पदार्थभय जगत का विज्ञान है भौतिक विज्ञान।
आल जगत और वस्तु जगत के बीच में यानि सेतु के रूप में मनोमय जगत है। मन दोनों जगत को जोड़ने वाला सेतु है। इसलिए मन
को योग में राजा कहा गया है। यह दोनों जगत में सन्तुलन रखता है। चेतन मन का राज्य वस्तुपरक जगत है और अवचेतन मन का राज्य आत्मपरक जगत है।
किसी भी साधना का उद्देश्य चाहे वह योग का हो या तंत्र का, सभी साधना के मूल में है मन और आत्मा की साधना। यह साधना वस्तुपरक जगत से आत्मपरक जगत की ओर जाती है। जब साधक वस्तुपरक सत्ता का अतिक्रमण कर आत्मपरक सत्ता में प्रवेश करता है तो तमाम अविश्वसनीय घटनायें घटने लगती हैं। जिसे हम चमत्कार कह कर टाल देते हैं। वस्तुपरक सत्ता का और तमाम घटनाओं का तो प्रमाण दिया जा सकता है और सिद्ध भी किया जा सकता है। लेकिन आत्मपरक घटनाओं का प्रमाण नहीं दिया जा सकता है और न ही सिद्ध किया जा सकता है।
गुरुजी का कहना है आपके सामने दीपक जल रहा है और उसका प्रकाश फैल रहा है आप उसे प्रमाणित कर सकते हैं। लेकिन जो आपके... अन्दर दीपक जल रहा उसके प्रकाश से आप संसार का अनुभव कर रहे, क्या आप उसका प्रमाण दे सकते हैं ?
EAN: 9789384172084
Package Dimensions: 8.5 x 5.9 x 0.8 inches
Languages: Hindi