ज्योतिष प्रारब्ध तथा कल चक्र: Jyotish, Prarabdh tatha Kaal Chakra
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Author: K. N. Rao
Brand: VANI PUBLICATIONS
Edition: 1
Publisher: VANI PUBLICATIONS 1वां संस्करण (1 जनवरी 2016)
Binding: paperback
Number Of Pages: 228
Release Date: 01-12-2016
model number: BOLS-1869
Part Number: BOLS-1869
ABOUT THIS BOOK: ज्योतिष, प्रारब्ध तथा काल चक्र (तकनीक तथा भविष्यवाणियां) पुस्तक में दी गयी रोचक घटनाए पठनीय है l यदि आप ज्योतिष शास्त्र से अनभिज्ञ भी है, तो भी सच्ची घटनाए आपको रोचक अवश्य लगेगी, और यदि आप ज्योतिष शास्त्र से अनभिज्ञ है तो निश्चय ही आपके ज्ञान में वृद्धि होगी l आज के हमारे युग में विज्ञान तथा खगोल शास्त्र आदि को ईश्वर का पर्याय बना दिया गया है l विज्ञान की गर्वीली उपलब्धिया ईश्वर की सत्ता को नकारना चाह रही है l ज्योतिष जो वस्तुत: परावैज्ञानिक शास्त्र है, ईश्वर की सत्ता में दृढ आस्था को प्रेरित करने के लिये कृतसंकल्प है l यधपि तथाकथित तर्कवादियों तथा पश्चिम की अन्धाधुन्ध नकल करने वाले मुर्ख वैज्ञानिकों के गले जल्दी से यह सत्य नहीं उतरेगा, पर सत्य तो यही है कि ज्योतिष शास्त्र में केवल सत्य और सत्य के अतिरिक्त और कुछ नहीं समाहित है l यह दीगर बात है कि ज्योतिविर्द भी ज्योतिष शास्त्र के सम्पूर्ण सत्य को समझने में, अपने सीमित ज्ञान के कारण, असमर्थ हो जाते है l यह पुस्तक मान्यता स्थापित करती है कि ;- प्रारब्ध है, जन्म-जन्मान्तर पूर्वजन्म का चक्र है, कर्म, कर्मफल तथा जन्म-जन्मान्तर के कर्म संस्कार , एक शाश्वत सिद्ध सत्य है l कालचक्र है, जिसकी अपनी रहस्यात्मक गति है, तथा जिसको ज्योतिषी ही भली प्रकार समझ सकता है l
Package Dimensions: 8.3 x 5.5 x 0.8 inches
Languages: Hindi