Maati Kahe Kumhar Se
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Author: Mithileshwar
Brand: Vani Prakashan
Edition: 5th
Binding: Hardcover
Number Of Pages: 516
Release Date: 17-02-2024
EAN: 9789357756419
Languages: Hindi
माटी कहे कुम्हार से -
प्रख्यात कथाकार मिथिलेश्वर का नवीनतम उपन्यास है-'माटी कहे कुम्हार से'। झोपड़पट्टियों में हाशिए के जीवन की तल्ख सच्चाई से प्रारम्भ यह उपन्यास इक्कीसवीं सदी के भारतीय गाँवों की बेबाक पड़ताल करते हुए शहर में पहुँच, शहरी जीवन एवं शहरी समाज की पर्ते उधेड़ उनकी प्रखर अन्तःकथा प्रस्तुत करता है; और फिर यहाँ के जीवन एवं समाज की ज़िम्मेवार भारतीय लोकतन्त्र की राजनीति का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख देता है। इस रूप में यह उपन्यास भारतीय जीवन, समाज एवं राजनीति की महागाथा बन जाता है। उपन्यास का कैनवास इतना विस्तृत एवं व्यापक है कि इसे भारतीय जीवन का महाकाव्यात्मक आख्यान भी कहा जा सकता है।
वैसे तो मिथिलेश्वर ने अपने कथा-साहित्य के माध्यम से कई उल्लेखनीय महिला चरित्रों की रचना की है। लेकिन इस उपन्यास की मुख्य पात्र मुनिला का चरित्र उन सबसे अधिक प्रभावी और विशिष्ट है-अद्भुत और काल पर विजय पानेवाला अविस्मरणीय।
इस उपन्यास की भोजपुरी मिश्रित जीवन्त ज़मीनी भाषा और मिथिलेश्वर की विलक्षण किस्सागोई ने इसे बेहद पठनीय बना दिया है। लोकजीवन और लोककथाओं से गहरी संपृक्ति इस उपन्यास की एक अन्यतम विशेषता है। तेज़ी से बदलते समय और समाज के गतिशील यथार्थ की सफल रचनात्मक प्रस्तुति के रूप में यह उपन्यास अलग से जाना जायेगा। विश्वास है, हिन्दी जगत में इस महत्त्वपूर्ण कृति का गर्मजोशी से स्वागत होगा।