शिवमहापुराणम् Shivamahapuranam (5 vol.)
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Book Detail
- Title: शिवपुराण (5 खंड)
- Author: एस. एन. खण्डेलवाल (श्री नाथ खण्डेलवाल)
- Subject: पुराण
- Edition: 2019
- Publishing Year: 2019
- ISBN: 9788121803830, 9788121803847
- Packing: 5 Volumes
- Pages: 3887
- Dimensions: 30 x 20 x 20 cm
- Weight: 7420 g
- Binding: Hardcover
- Publisher: (Not Provided)
- Language: संस्कृत एवं हिंदी
Book Description
भगवान शिव का स्वरूप और महिमा
शिव नित्य आनंद स्वरूप हैं, जिनका नाम ‘शं’ कल्याण, ‘इ’ शक्ति, और ‘व’ अमृत तत्व का प्रतीक है। उनका शिवतांडव समस्त सृष्टि की लय और सामवेदिक स्वरूप को दर्शाता है। शिव के सात तांडव रूप – कालिका, गौरी, संध्या, संहार, त्रिपुर, ऊर्ध्व और आनंद तांडव। आनंद तांडव में सृष्टि के पांच कार्य – सृष्टि, स्थिति, लय, तिरोधान और अनुग्रह का समावेश है।
शिवलिंग का महत्व एवं भेद
शिवलिंग दो प्रकार के होते हैं – कृत्रिम (निर्मित) और अकृत्रिम (स्वयम्भू)। कृत्रिम शिवलिंग मनुष्यों द्वारा बनाए जाते हैं, जबकि स्वयम्भू शिवलिंग प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होते हैं। इन्हें भी चल (सचल) और अचल श्रेणियों में बांटा गया है। मंदिरों में प्रतिष्ठित शिवलिंग प्रायः अचल शिवलिंग होते हैं।
स्वयम्भू लिंग के प्रकार
स्वयम्भू लिंग के कई भेद होते हैं, जैसे –
- वैष्णव लिंग – शंख के आकार का
- ब्रह्म लिंग – कमल के आकार का
- ऐन्द्र लिंग – छाते के आकार का
- आग्नेय लिंग – दो ऊर्ध्व भाग वाला
- याम्य लिंग – तीन पदचिह्न युक्त
- नैऋत लिंग – खड्ग (तलवार) के आकार का
- वारुण लिंग – कलश के आकार का
शिवपुराण के खंड और दुर्लभ संहिताएँ
इस संस्करण में ज्ञान संहिता, सनत्कुमार संहिता, और धर्म संहिता को विशेष रूप से संकलित किया गया है। यह संहिताएँ अन्य शिवपुराण संस्करणों में उपलब्ध नहीं थीं, लेकिन इस संस्करण में उनका समावेश किया गया है।
भगवान शिव की उपासना और धार्मिक अनुष्ठान
शिव की पूजा के विविध रूप और उनके पंचाक्षर मंत्र (ॐ नमः शिवाय) की महिमा विस्तृत रूप से वर्णित है। शिवरात्रि, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र की साधना का महत्व भी पुस्तक में समझाया गया है।
दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
शिव की उपासना मात्र पूजा नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय रहस्य को समझने का माध्यम है। इस ग्रंथ में शिव तत्व का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
पुस्तक की विशेषताएँ
- संस्कृत मूल पाठ के साथ हिंदी अनुवाद
- 5 खंडों में विस्तृत प्रस्तुति
- शिवपुराण की दुर्लभ संहिताओं का समावेश
- शैव परंपरा, तंत्र साधना और शिवलिंग महिमा का गहन अध्ययन
- शोधार्थियों और जिज्ञासुओं के लिए अमूल्य ग्रंथ
किसके लिए उपयुक्त?
- हिंदू धर्म, वेद-पुराण और शैव साधना के शोधकर्ताओं के लिए
- शिव भक्तों और तांत्रिक अनुष्ठानों में रुचि रखने वालों के लिए
- शैव संप्रदाय, तंत्र साधना, और धार्मिक अनुष्ठान सीखने वालों के लिए
- धर्मशास्त्र, भारतीय संस्कृति और दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए
यह ग्रंथ शैव परंपरा, शिव उपासना, और तांत्रिक साधना का एक अमूल्य ग्रंथ है, जो शिवतत्व को समझने और उसके रहस्यों को उजागर करने में सहायक है।