👨‍💼 CUSTOMER CARE NO +918468865271

⭐ TOP RATED SELLER ON AMAZON, FLIPKART, EBAY & WALMART

🏆 TRUSTED FOR 10+ YEARS

  • From India to the World — Discover Our Global Stores

🚚 Extra 10% + Free Shipping? Yes, Please!

Shop above ₹5000 and save 10% instantly—on us!

THANKYOU10

Shri Krishna

Sale price Rs.236.00 Regular price Rs.295.00
Tax included


Genuine Products Guarantee

We guarantee 100% genuine products, and if proven otherwise, we will compensate you with 10 times the product's cost.

Delivery and Shipping

Products are generally ready for dispatch within 1 day and typically reach you in 3 to 5 days.

Get 100% refund on non-delivery or defects

On Prepaid Orders

Author: Shyam Sushil

Edition: First Edition

Binding: hardcover

Number Of Pages: 64

Release Date: 01-12-2017

Part Number: 9326355209

Details: Biography

EAN: 9789326355209

Package Dimensions: 8.3 x 5.9 x 0.8 inches

Languages: Hindi

श्रीकृष्ण - 
श्रीकृष्ण जगद्गुरु हैं, युग पुरुष तो हैं ही उससे भी अधिक कालातीत व्यक्तित्व हैं। वे केवल अपने युग के नायक नहीं हैं युग-युगान्तर तक, जब तक यह सृष्टि है तब तक मनुष्य मात्र के लिए एक सच्चे पथ प्रदर्शक बने रहेंगे।
श्रीकृष्ण आत्मज्ञानी थे, वे जानते थे कि वे स्वयं नारायण हैं। फिर भी उन्होंने दिव्य शक्तियों का प्रयोग कभी नहीं किया। उन्होंने सदैव बुद्धिचातुर्य और शारीरिक बल से ही संकटों पर विजय पाया। अपने आत्मस्वरूप को उन्होंने कुछ अवसरों पर प्रगट भी किया, जैसे यशोदा माँ को अपने मुख में चौदह भुवन का दर्शन कराना या गीता-प्रसंग में अर्जुन को विश्वरूप दर्शन आदि, लेकिन वे मानवता को उसके छिपे हुए दिव्यास्त्रों का ज्ञान मनुष्य बनकर ही कराना चाहते थे—मनुष्य संकल्प मात्र से जीवन को विपदाहीन कर सकता है। सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा और समदृष्टि हमारे दिव्यास्त्र हैं—जहाँ सत्य है वहाँ लोभ नहीं, जहाँ अहिंसा है वहाँ क्रोध नहीं, जहाँ प्रेम है वहाँ काम नहीं, जहाँ करुणा है वहाँ घृणा नहीं, जहाँ समदृष्टि है वहाँ द्वेष नहीं—जब ये दुर्गुण सद्गुणों से नष्ट कर दिये जाते हैं तो जीवन सुखमय हो जाता है। श्रीकृष्ण ने मनुष्य बनकर मनुष्य धर्म निभाकर स्वधर्मे निधनं श्रेयः के उपदेश को सार्थक कर दिखाया।