Anya Se Ananya
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Book Details
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लेखक: प्रभा खेतान
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प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
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भाषा: हिंदी
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संस्करण: प्रथम संस्करण
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आईएसबीएन: 9789388684927
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पृष्ठ संख्या: 1
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कवर: हार्डकवर
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आयाम: 20 x 14 x 1 से.मी.
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प्रकाशन तिथि: 1 जनवरी 2022
About the Book
"प्रभा खेतान की 'अन्या से अनन्या' एक ऐसी स्त्री की कथा है जो स्त्री की पुरानी छवियों को तोड़ते हुए, दूसरों की कसौटी पर खरा उतरने की जगह अपनी नैतिकता खुद गढ़ती है।" यह आत्मकथा एक महिला के संघर्ष को प्रस्तुत करती है जो सामाजिक अपेक्षाओं को नकारते हुए प्रेम, पीड़ा और पितृसत्तात्मक मानदंडों के खिलाफ अपनी पहचान पुनः स्थापित करती है। यह कथा संस्कृति, राजनीति और आर्थिक चुनौतियों के बीच एक महिला के आत्म-निर्माण की यात्रा को उजागर करती है। प्रभा खेतान के शब्द स्त्री के आत्म-अविष्कार और स्वतंत्रता की कठिन लेकिन सशक्त कहानी का प्रतीक हैं। यह कार्य भारतीय पितृसत्ता और स्त्री मुक्ति के संघर्ष में एक शक्तिशाली आवाज है, जो महिला के 'होने' और 'अर्थपूर्ण होने' की अनूठी गाथा है।
About the Author
प्रभा खेतान
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जन्म: 1 नवम्बर, 1942
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शिक्षा: एम.ए., पी-एच.डी. (दर्शनशास्त्र)
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निधन: 20 सितम्बर, 2008
प्रकाशित कृतियाँ:
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उपन्यास: आओ पेपे घर चलें !, पीली आँधी, अग्निसंभवा, तालाबंदी, अपने-अपने चेहरे
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कविता: अपरिचित उजाले, सीढ़ियाँ चढ़ती हुई मैं, एक और आकाश की खोज में, कृष्ण धर्मा मैं, हुस्न बानो और अन्य कविताएँ, अहल्या
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चिन्तन: उपनिवेश में स्त्री, सार्त्र का अस्तित्ववाद, शब्दों का मसीहा: सार्त्र, अल्बेयर कामू: वह पहला आदमी
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अनुवाद: साँकलों में कैद कुछ क्षितिज (कुछ दक्षिण अफ्रीकी कविताएँ), स्त्री: उपेक्षिता (सीमोन द बोउवार की विश्व-प्रसिद्ध कृति ‘द सेकंड सेक्स’)
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सम्पादन: एक और पहचान, ‘हंस’ का स्त्री विशेषांक, भूमंडलीकरण : पितृसत्ता के नए रूप
प्रभा खेतान एक प्रमुख हिंदी लेखिका और समाजशास्त्र की विदुषी थीं, जिनका योगदान साहित्य और स्त्री विमर्श में महत्वपूर्ण है। उनका लेखन महिलाओं के अधिकारों, स्वतंत्रता और आत्म-निर्माण की कहानी कहता है।

