Tum Barahbani
Tum Barahbani is backordered and will ship as soon as it is back in stock.
Couldn't load pickup availability
Genuine Products Guarantee
Genuine Products Guarantee
We guarantee 100% genuine products, and if proven otherwise, we will compensate you with 10 times the product's cost.
Delivery and Shipping
Delivery and Shipping
Products are generally ready for dispatch within 1 day and typically reach you in 3 to 5 days.
Author: Divya Vijay
Brand: Vani Prakashan
Edition: First Edition
Binding: Paperback
Number Of Pages: 204
Release Date: 15-02-2025
EAN: 9789369445639
Languages: Hindi
"दिव्या विजय की कहानियाँ आधुनिक मानवीय बोध की कहानियाँ हैं जिनकी भाषा दैनन्दिन जीवन से ली गयी है। मनुष्यता में अगाध विश्वास उनकी कहानियों का अंडरटोन है। समकालीन युवा कहानीकारों में स्पष्ट दृष्टि और प्रखर रचनात्मक बोध के साथ दिव्या हमारे बीच उपस्थित हैं। आलोचकों और पाठकों की नज़ उनके लेखन को पैना और परिपक्व बनायेगी, दिव्या के लेखन की ओर से आँखें मूँदकर हम समकालीन हिन्दी कहानी का इतिहास मुक़म्मल कर पायेंगे मुझे इसमें सन्देह है। —गरिमा श्रीवास्तव, जेएनयू ★★★ दिव्या विजय हिन्दी के युवा कथाकारों में एक जाना-पहचाना और बहुपठित नाम है। संग्रह में कुल ग्यारह कहानियाँ हैं। हर कहानी अपने अनूठे कथ्य और शिल्प के लिए पहचानी जायेगी। परिवेश और पात्रों का सूक्ष्म अवलोकन और गहन मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण इन कहानियों की अतिरिक्त विशेषता है। जीवन संवाद और प्रवाहमान भाषा से लबरेज़ ये कहानियाँ लम्बे समय तक पाठक का पीछा करती हैं। पठनीयता ऐसी कि जब आप कहानी पढ़ना शुरू करते हैं तो उसे अन्त तक पढ़ कर ही दम लेते हैं। —चरण सिंह पथिक, कथाकार "

