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महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र (Mahatma Gandhi Evam Ahinsha Ka Samajshastra)

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Book Details

  • Publisher: Rawat Publications

  • Author: राजीव गुप्ता (Rajiv Gupta)

  • Binding: Hardcover

  • Number of Pages: 260

  • Release Date: 01-01-2024

  • ISBN: 9788131613580

  • Languages: Hindi

About the Book

महात्मा गांधी (1869-1948) भारतीय स्वाधीनता संघर्ष तथा दक्षिण अफ्रीका में नस्ल विरोधी आंदोलन के सर्वाधिक शक्तिशाली हस्ताक्षर हैं। गांधी के व्यक्तित्व में चिन्तन एवं सक्रियता का समन्वय है, जिसमें सत्य, अहिंसा, शान्ति, सत्याग्रह, प्रतिबद्धता और निर्भीकता के मूल्यों का गहराई से समावेश है। गांधी का जीवन, विचार और कार्य न केवल भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष का प्रतीक हैं, बल्कि समावेशी लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता, और न्याय के सिद्धांतों के भी प्रतीक हैं।

यह पुस्तक गांधी के अहिंसा विचार के समाजशास्त्र को प्रस्तुत करती है, जो ‘अहिंसा के समाजशास्त्र’ की शाखा को आधार देती है। गांधी का चिन्तन आज भी साम्प्रदायिकता और हिंसा से जूझ रहे समाज के लिए एक गहरी प्रेरणा का स्रोत है। पुस्तक में गांधी के जीवन, विचार और दर्शन को समर्पित विभिन्न लेखों एवं दस्तावेजों को प्रस्तुत किया गया है, जिनमें गांधी की शिक्षा, उनके समाजशास्त्र, और उनके कार्यों का विश्लेषण किया गया है।

इस सम्पादित पुस्तक के माध्यम से गांधी के विचारों और उनके योगदान को समझने की आवश्यकता है, खासकर उनके अहिंसा के सिद्धांत को जो वर्तमान समय में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और हिंसा के बढ़ते प्रभाव के बावजूद प्रासंगिक है। गांधी का समाजशास्त्र रचनात्मकता और संघर्ष समाधान के नए दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो न केवल समाज को समझने बल्कि उसे सुधारने में भी मददगार हो सकता है।

Contents

  1. परिचय: महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र / राजीव गुप्ता

  2. राष्ट्रनिर्माण का गांधीमार्ग: ‘रचनात्मक कार्यक्रम’ का पुनर्पाठ / आनंद कुमार

  3. गांधी के विचारों की समसामयिकता: ‘हिन्द स्वराज’ पर एक टिप्पणी / अशोक पंकज

  4. भूमंडलीकृत अर्थव्यवस्था के संदर्भ में गांधी का ट्रस्टीशिप का सिद्धांत / सुदर्शन आयंगार

  5. सामाजिक विभेद का प्रतिषेध और गांधी चिंतन / विजय कुमार वर्मा

  6. हिंसक समाज में गांधी / ज्योति सिडाना

  7. हिंसा की सभ्यता बनाम भारतीय अहिंसा की संस्कृति / रेणु व्यास

  8. अहिंसा का समाजशास्त्र और जयपुर स्कूल ऑफ सोशियोलॉजी / राजीव गुप्ता

  9. गांधी के जीवन और दर्शन को कैसे समझा जाए / निशिकांत कोलगे

  10. गांधी का शिक्षा दर्शन: आश्रमों में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों के संदर्भ में एक अध्ययन / बी.एम. शर्मा

  11. तृष्णा, जलवायु परिवर्तन एवं व्यक्तिवाद: गांधीवादी विकल्प / नरेश दाधीच

  12. महात्मा गांधी और उन पर असत्य के प्रयोग / आलोक कुमार श्रीवास्तव

  13. गांधी-अंबेडकर: द स्पेस फॉर शेयर्ड ड्रीम्स / अजय कुमार

  14. संघर्ष समाधान का गांधीमार्ग: एक रचनात्मक दृष्टिकोण / संजीव कुमार

  15. कोविड-19 के संकटकाल में गांधी की प्रासंगिकता / राजीव गुप्ता

गांधी के महत्वपूर्ण दस्तावेज

  1. हिन्दुस्तान की दशा

  2. दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास: प्रथम खण्ड

  3. ग्रामसेवा

  4. सत्याग्रह बनाम ‘पैसिव रेजिस्टेन्स’

  5. गिरमिट की प्रथा

About the Author

राजीव गुप्ता समाजशास्त्र विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा, साम्प्रदायिकता, धर्म-निरपेक्षता सहित विभिन्न सामाजिक प्रघटनाओं पर अनेक लेख लिखे हैं। सम्पादित पुस्तकों के अतिरिक्त उनकी हालिया पुस्तक इन्टलैक्चुअल्स इन कन्टम्प्रेरी इण्डियन सोसायटी-क्रिटिकल इन्टेरोगेशन्स का प्रकाशन हुआ है। गांधी और मार्क्स के अध्ययन से उनका गहरा जुड़ाव रहा है। वह वर्तमान में जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव समूह का हिस्सा हैं और इण्डियन सोश्योलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष हैं।