स्वच्छता का समाजशास्त्र (Sociology of Sanitation)
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Book Details
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Author: बी.के. नागला (सम्पादक)
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: 2023
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ISBN: 9788131613016
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Pages: 204
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Cover: Hardcover
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Release Date: 10-04-2023
About the Book
‘स्वच्छता का समाजशास्त्र’ स्वच्छता और समाज के बीच के जटिल और अन्तर्सम्बंधित रिश्तों का गहन समाजशास्त्रीय विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में स्वच्छता केवल सफाई तक सीमित न होकर सामाजिक न्याय, मानव गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन के संदर्भ में विस्तृत विमर्श प्रस्तुत करती है।
महात्मा गांधी, डॉ. अम्बेडकर, संत गाडेस बाबा और सूर्यकान्त परीख जैसे समाज सुधारकों द्वारा आरंभ किए गए स्वच्छता अभियानों की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए यह पुस्तक वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियानों से भी सम्बंध बनाती है।
डॉ. विन्देश्वर पाठक द्वारा प्रेरित सुलभ इंटरनेशनल जैसे संगठनों की भूमिका और स्वच्छता को सामाजिक समानता से जोड़ने का प्रयास भी प्रमुखता से वर्णित है।
यह ग्रंथ न केवल शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं के लिए बल्कि स्वच्छता के सामाजिक आयामों को समझने वाले प्रत्येक पाठक के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह स्वच्छता को सामाजिक परिवर्तन, पर्यावरणीय सुधार और सांस्कृतिक चेतना से जोड़ने का प्रयास करता है।
विषयवस्तु:
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स्वच्छता का समाजशास्त्र: एक परिचयात्मक विमर्श / बी.के. नागला
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प्रोफेसर डॉ. विन्देश्वर पाठक: एक परिचय / बी.के. नागला
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स्वच्छता एवं पर्यावरण / महात्मा गांधी
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पूर्व-आधुनिक युग में अस्पृश्यता एवं स्वच्छता: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य / हेतुकर झा
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भारत में स्वच्छता आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि / अनिल वाघेला
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आधुनिक भारत में धार्मिकता एवं स्वच्छता: एक समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य / आशीष सक्सेना एवं विजयलक्ष्मी सक्सेना
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स्वच्छता और सामाजिक संस्थाएं / रिचर्ड पाइस
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स्वच्छता, स्वास्थ्य और समाज / बी.के. नागला
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स्वच्छता और पर्यावरण / अनिल वाघेला
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भारत में स्वच्छता कार्यक्रम / मोहम्मद अकरम
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स्वच्छता का समाजशास्त्र: विन्देश्वर पाठक के साथ साक्षात्कार / बी.के. नागला एवं आशीष कुमार
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स्वच्छता एवं समाज: एक आलोचनात्मक दृष्टि / राजीव गुप्ता एवं एस.सी. चौहान
About the Editor
बी.के. नागला भारत के अग्रणी समाजशास्त्रियों में से एक हैं। आपने महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, एम.एस. विश्वविद्यालय (बड़ौदा), और राष्ट्रीय अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में अध्यापन किया है। सेवानिवृत्ति के बाद आप कोटा मुक्त विश्वविद्यालय और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भी कार्यरत रहे। समाजशास्त्र एवं अपराधशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आपको भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद और राजस्थान समाजशास्त्र परिषद द्वारा सम्मानित किया गया है।