सामाजिक अनुसन्धन की विधियां (Methods of Social Research) – Hindi
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पुस्तक विवरण
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लेखक: जे.पी. सिंह
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प्रकाशक: Rawat Publications
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भाषा: हिंदी
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संस्करण: 2020
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ISBN: 9788131611548
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पृष्ठ संख्या: 546
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बाइंडिंग: हार्डकवर
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रिलीज़ तिथि: 01-12-2020
पुस्तक के बारे में
यह पुस्तक स्नातक, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई एक उच्च स्तरीय पाठ्यपुस्तक है। इसमें समाजशास्त्रीय एवं सांख्यिकीय अवधारणाओं का न केवल प्रामाणिक हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया गया है, बल्कि पाश्चात्य विद्वानों के नामों का सही उच्चारण भी सुनिश्चित किया गया है—जो आमतौर पर हिंदी पुस्तकों में उपेक्षित रहता है।
लेखक ने इस पुस्तक में अंग्रेजी की नवीनतम उच्च स्तरीय पुस्तकों को आधार बनाते हुए समाजशास्त्रीय एवं सांख्यिकीय तथ्यों का गहन अध्ययन और मौलिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है। उन्होंने अपने चार दशकों के शोध एवं शिक्षण अनुभव के आधार पर इस ग्रंथ को एक व्यवहारिक संदर्भ पुस्तक का रूप दिया है। इस पुस्तक का उद्देश्य हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को भी वही बौद्धिक स्तर और गुणवत्ता प्रदान करना है, जो अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को उपलब्ध होती है।
पुस्तक में जटिल विचारों को सरल एवं सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे शोध के क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्रोत सिद्ध होती है। लेखक का मानना है कि भारत में सामाजिक शोध की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है, और यह पुस्तक इस क्षेत्र में एक नई समझ और दृष्टि को जन्म देने का प्रयास करती है।
प्रमुख विषयवस्तु:
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वैज्ञानिक पद्धति और सामाजिक यथार्थ
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सामाजिक सर्वेक्षण एवं अनुसंधान समस्याएँ
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अवधारणाएँ, प्राक्कल्पना, चर एवं प्रतिरूप
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आँकड़ा संकलन की विधियाँ: साक्षात्कार, प्रश्नावली, केस स्टडी, अवलोकन आदि
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अनुसंधान डिजाइन और मापन तकनीक
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अन्तःशास्त्रीय एवं अन्तःसांस्कृतिक अनुसंधान
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समाजविज्ञान अनुसंधान में कम्प्यूटर की भूमिका
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शोध प्रतिवेदन लेखन एवं प्रकाशन
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अनुसंधान पद्धति की विस्तृत शब्दावली
लेखक परिचय
डॉ. जे.पी. सिंह, पीएच.डी. (जनसंख्याशास्त्र, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा), पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर रहे हैं। वे टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS), मुंबई में रिसर्च मेथडोलॉजी के उपाचार्य, भारत सरकार के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र में अपर निदेशक, और बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष-सह-निदेशक जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।
वह एक प्रख्यात समाजशास्त्री एवं जनसंख्याशास्त्री हैं, और उनकी प्रमुख कृतियों में मानवशास्त्र शब्दकोश, आधुनिक भारत का समाजशास्त्र, समाजशास्त्र: एक परिचय और A Comprehensive Dictionary of Sociology शामिल हैं।
यह पुस्तक समाजशास्त्र के क्षेत्र में अध्ययन और शोध कर रहे विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और भरोसेमंद स्रोत है।