Bhartiya Parampra Ka Adhunikikarn (Modernization Of Indian Tradition)
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Book Details
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Author: Yogendra Singh
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: First Edition (2006)
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ISBN: 9788131600047
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Pages: 366
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Cover: Hardcover
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Dimensions: 8.7 x 5.7 x 1.0 inches
About the Book
भारतीय परम्परा का आधुनिकीकरण (Modernization of Indian Tradition) भारत में समकालीन सामाजिक परिवर्तन और आधुनिकीकरण की प्रक्रियाओं पर आधारित एक गहन समाजशास्त्रीय अध्ययन है। यह पुस्तक भारतीय सामाजिक संरचना और परम्पराओं में आए परिवर्तनों को न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से विश्लेषित करती है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनैतिक संदर्भों में भी इन परिवर्तनों की विवेचना करती है।
पुस्तक में यह विश्लेषण किया गया है कि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को हिन्दू धर्म, इस्लाम, जाति व्यवस्था, परिवार, ग्राम समाज, अभिजन वर्ग और अन्य सामाजिक संस्थाएं किस प्रकार प्रभावित और परिवर्तित कर रही हैं। लेखक ने सांस्कृतिक परम्पराओं में अन्तःजनित बदलाव, पाश्चात्य प्रभाव, सामाजिक संरचनात्मक रूपांतरण और भारत में सामाजिक परिवर्तन के भावी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की है।
यह ग्रंथ न केवल समाजशास्त्र के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए एक अमूल्य स्रोत है, बल्कि सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। सैद्धांतिक और आलोचनात्मक दृष्टिकोण से युक्त यह अध्ययन भारत में सामाजिक परिवर्तन के लिए एक वैकल्पिक अवधारणात्मक योजना भी प्रस्तुत करता है।
यह पुस्तक प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह की अंग्रेज़ी कृति Modernization of Indian Tradition का प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद है, जिसे डॉ. अरविन्द कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुत किया है।
Contents
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भारत में सामाजिक परिवर्तन: एक उपागम
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सांस्कृतिक परम्पराओं में अन्तःजनित परिवर्तन एवं आधुनिकीकरण
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इस्लाम का प्रभाव एवं आधुनिकीकरण
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पाश्चात्य प्रभाव एवं सांस्कृतिक आधुनिकीकरण
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सामाजिक संरचना में परिवर्तन एवं आधुनिकीकरण (वृहत्-संरचनात्मक परिवर्तन)
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सामाजिक संरचना में परिवर्तन तथा आधुनिकीकरण (लघु-संरचनात्मक परिवर्तन)
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भारतीय परम्परा का आधुनिकीकरण: विश्लेषण
About the Author
योगेन्द्र सिंह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में समाजशास्त्र के एमेरिटस प्रोफेसर रहे हैं। आपने विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्च शैक्षणिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है और योजना आयोग, यूजीसी, आईसीएसएसआर जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में अहम भूमिका निभाई है। आप भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के अध्यक्ष भी रहे हैं और देश-विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में भाषण दिए हैं। समाजशास्त्र के क्षेत्र में आपके उल्लेखनीय योगदान के लिए आपको कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
अनुवादक डॉ. अरविन्द कुमार अग्रवाल, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में पिछले दो दशकों से अधिक समय से अध्यापन कर रहे हैं। आपने जेएनयू, हाइडलबर्ग और ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों से समाजशास्त्र की शिक्षा प्राप्त की है। यूजीसी करियर अवार्ड प्राप्तकर्ता डॉ. अग्रवाल ने कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए हैं और समाजशास्त्र में गंभीर शोध कार्य किए हैं।

