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भारत में परिवार विवाह और नातेदारी (द्वितीय संस्करण)

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Book Details

  • Author: शोभिता जैन (Shobhita Jain)

  • Publisher: Rawat Publications

  • Language: Hindi

  • Binding: Hardcover

  • Number of Pages: 414

  • Publication Date: 07-08-2023

  • ISBN: 9788131613405

About the Book

भारत में अपराधशास्त्र पर बहुत कम पुस्तकें लिखी गई हैं। प्रस्तुत पुस्तक, जो लेखक के इस विषय में विशेष रुचि एवं गहन अध्ययन का परिणाम है, इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में स्वदेशी साहित्य की एक कड़ी के रूप में है। यह पुस्तक न केवल भारतीय विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर अपराधशास्त्र में निर्धारित पाठ्यक्रम को अपनी परिधि में लेती है बल्कि उन विषयों का भी विश्लेषण करती है जिनको सम्भावित रूप से स्नातकोत्तर स्तर पर प्रारम्भ किया जा सकता है। इनमें से कुछ विषय महिलाओं के विरुद्ध अपराध, राजनैतिक अपराध, तथा युवा और अपराध आदि हैं। अधिकतर विषयों का आलोचनात्मक विश्लेषण समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण की ओर उन्मुख है और समष्टिवादी परिप्रेक्ष्य पर आधारित है। जहां कहीं आवश्यक समझा गया वहां सैद्धांतिक व्याख्या भी दी गई है। इस प्रकार यह पुस्तक इस क्षेत्र में उपयुक्त पाठ्यपुस्तक के रूप में लम्बे समय से अनुभव की जाने वाली कमी की पूर्ति करती है। इसके साथ ही यह निश्चय ही विस्तृत विषय पढ़ने वालों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी क्योंकि यह सरल शैली एवं अधिकारिक शब्दावली में अपराधशास्त्र के महत्त्वपूर्ण विषयों की सुबुद्ध समीक्षा प्रस्तुत करती है।

Contents

  1. प्रस्तावना: क्या, क्यों, कैसे और कहाँ
    भाग एक: पितृवंशीय विवाह, परिवार और नातेदारी

  2. विवाह और परिवार संबंधों का ताना-बाना: उत्तर भारत

  3. परिवार और विवाह संबंधों का ताना-बाना: दक्षिण भारत
    भाग दो: मातृवंशीय परिवार, विवाह और नातेदारी

  4. मातृवंशीय परिवार और विवाह की छवि: दक्षिण-पश्चिम भारत में केरल के नायर

  5. मातृवंशीय परिवार और विवाह की छवि: दक्षिण-पश्चिम तटीय लक्षद्वीप वेफ मुस्लिम

  6. भारत के उत्तर-पूर्व अंचल में परिवार और विवाह: मातृवंशीय गारो

  7. भारत के उत्तर-पूर्व अंचल में परिवार और विवाह: मातृवंशीय खासी

  8. भारत के मुस्लिम समाजगत परिवार, विवाह एवं नातेदारी व्यवस्थाओं के विविध रूपों की छवि

  9. बदलते परिवेश में नए प्रतिमानों एवं मूल्यों के कीर्तिमान: उपसंहार

परिशिष्ट

  1. परिवार, विवाह और नातेदारी की व्याख्या में प्रयुक्त कुछ तकनीकी शब्द और उनके अर्थ

  2. हिंदी नातेदारी शब्दावली

  3. मेओ नातेदारी शब्दावली

  4. पुस्तक में प्रयुक्त अन्य भारतीय भाषाओं के शब्दों की सूची

  5. समाजशास्त्रीय/नृशास्त्रीय तकनीकी शब्द संग्रह

  6. मानचित्र में दिए समूह/स्थान नाम (पुस्तक में चर्चित कुछ मुख्य नाम)

About the Author / Editor

शोभिता जैन ने प्राचीन भारतीय इतिहास में उच्च शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से और सामाजिक मानवशास्त्र में डिप्लोमा और एम.लिट. की उपाधियाँ ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त कीं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र संस्थान से पी.एच.डी. करने के बाद इन्होंने 1982-83 में इंडियन सोशल इंस्टिट्यूट में महिला विकास कार्यक्रम के निदेशक के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त सुश्री जैन ने आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज़ और दक्षिण अफ्रीका में अध्यापन और शोध के पदों पर काम किया। संयुक्त राष्ट्र संघ की एफ.ए.ओ. शाखा ने इन्हें गुजरात में कृषिवानिकी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए शोध परामर्शदाता नियुक्त किया और उसके बाद वे नई दिल्ली के मल्टिपल एक्शन रिसर्च ग्रुप (मार्ग) की मुख्य परामर्शदाता रहीं। वर्तमान में, वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग से अवकाश प्राप्त प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। डा. जैन के कई शोध-लेख अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।