Khalil Gibran: Kavya Sankalan-4
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Author: Translated by Narendra Choudhry
Edition: Latest
Binding: hardcover
Number Of Pages: 168
Release Date: 01-12-2014
Part Number: 8124803072
Details: Product Description
कवि, ज्ञानी और चित्रकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की धरती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा के ही नहीं अपितु विश्वभर में अनगिनत लोग, क्योंकि विश्व की अनेक भाषाओं में उनकी पुस्तकों का अनुवाद हुआ है, उन्हें सदी की सर्वोष्ट प्रतिभा मानते हैं। उनके चित्रों की प्रदर्शिनी विश्व के अनेक विशिष्ट देशों की राजधानियों में हुई है और उनकी तुलना आगस्त रोडीन और विलियम ब्लेक से की जाती है। अपने जीवन के अंतिम बीस वर्षों में उन्होंने अंग्रेज़ी में भी लिखा। 'दि प्राफेट' और उनकी दूसरी काव्य कृतियों ने विश्व साहित्य में विशिष्ट स्थान बना लिया। उनके पाठकों ने उनकी गहरी संवेदनशील भावनाओं को सीधे अपने हृदय और मस्तिष्क पर आच्छादित होते पाया।
About the Author
डॉ. नरेन्द्र चौधरी, डी.लिट., ने अपनी शिक्षा हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में उन दिनों में पूरी की जब पं. मदनमोहन मालवीय जीवित थे और डॉ. राधाकृष्णन उपकुलपति थे। उन्होंने डी.लिट. की उपाधि सेन्ट एन्ड्रूज़ विश्वविद्यालय, यू.के. से प्राप्त की।
अपने ताऊजी की प्रेरणा से डॉ. चौधरी ने स्कूल के दिनों से ही लेख और कहानियां लिखनी शुरू कीं जो उस समय की अनेक पत्रिकाओं में छपती रहीं। तभी ताऊजी के साथ खलील जिब्रान की पुस्तक 'पागल' का अनुवाद किया। तत्पश्चात अंग्रेज़ी में भी अनेक अंग्रेज़ी पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे।
शिक्षा के समय में ही 'सप्त सिन्धु प्रकाशन' संस्था स्थापित की जिससे अनेक हिन्दी, अंग्रेज़ी पुस्तकें प्रकाशित कीं। तभी अंग्रेज़ी पत्रिका 'लिट्रेरी वर्ल्ड' और विश्वविख्यात पत्रिका 'हिचकॉक' मिस्ट्री मैगजीन का एशियाई संस्करण प्रकाशित किया। तदोपरान्त सरकारी नौकरी कर ली और वहां रक्षा मंत्रलय से अंग्रेज़ी पत्रिका 'क्रिपटोस्क्रिप्ट' का प्रकाशन किया। सरकार से अवकाश प्राप्त करने के पश्चात कई अमरीकी विश्वविद्यालयों और समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े रहे और शिक्षा-प्रचार और अनुसंधान की परियोजनाओं में कार्यरत रहे। पिछले दो दशकों में विदेशी और भारतीय शिक्षा संस्थानों के बीच कड़ी के रूप में शिक्षा-प्रसार और अनुसंधानों के लिये परामर्शदाता रहे। इस कार्य के लिये लगातार विदेशों में रहे और विश्व भ्रमण भी करने पड़े। अभी भी वर्ष में दो माह यूरोप और अमेरिका में रहते हैं। जीवन के अन्तिम पड़ाव में अब समय मिला तो जिब्रान के साहित्य पर बचा हुआ कार्य कर रहे हैं।
EAN: 9788124803073
Package Dimensions: 8.9 x 5.1 x 0.8 inches
Languages: Hindi, English