Mujhe Ghar Le Chalo [Hardcover]
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लेखक: तसलीमा नसरीन
भाषा: हिंदी
संस्करण: प्रथम
पृष्ठसंख्या: 280
कवर: हार्डकवर
ISBN: 9788181436665
पुस्तक के बारे में
'मुझे घर ले चलो' तसलीमा नसरीन का एक महत्वपूर्ण और सशक्त लेखन है, जिसमें वे अपनी ज़िन्दगी की कठिनाइयों और अनुभवों को बेबाकी से प्रस्तुत करती हैं। तसलीमा नसरीन का जन्म बांग्लादेश के मयमनसिंह में हुआ था, और अपने लेखन के कारण उन्होंने न सिर्फ साहित्यिक जगत में अपार प्रसिद्धि प्राप्त की, बल्कि उन्होंने समाज की कट्टरता और असमानता के खिलाफ आवाज़ उठाई।
डॉक्टर की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने सरकारी अस्पताल में नौकरी की, लेकिन इस नौकरी को छोड़ने का फैसला लिया जब यह आदेश आया कि अगर उन्हें नौकरी में बने रहना है तो लेखन को छोड़ना होगा। उनके लेखन का मुख्य विषय औरत की आज़ादी, धर्म और पुरुष सत्ता की विरोधाभासी स्थिति रहा। उन्होंने धर्म को औरत की स्वतंत्रता के रास्ते में एक बड़ी बाधा बताया और इस पर विचार किया।
तसलीमा नसरीन ने अपनी किताबों के माध्यम से न सिर्फ बांग्लादेश, बल्कि पूरी दुनिया में विवाद खड़ा किया। उनकी किताब 'लज्जा' को बांग्लादेश में निषिद्ध कर दिया गया था, वहीं उनकी आत्मकथा के कुछ हिस्सों को भी भारत में प्रतिबंधित किया गया। यह किताब समाज में छुपी हुई सच्चाइयों और कट्टरता को उजागर करती है और तसलीमा के साहस का प्रतीक बन गई है।
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