Bhookh Tatha Anya Kahaniyan
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Author: Subhash Sharma
Edition: 2nd
Binding: hardcover
Number Of Pages: 188
Release Date: 01-12-2011
EAN: 9788126318551
Package Dimensions: 8.3 x 5.9 x 0.8 inches
Languages: Hindi
"भूख तथा अन्य कहानियाँ - ""... यह खण्डन पढ़-सुनकर ठठाकर हँस रहा है जीवनपुर का बूढ़ा और विशाल पीपल का गाछ—कभी डॉक्टर पर, कभी ज़िला प्रशासन पर, कभी सूबे की सरकार पर और कभी 'जनसशक्तीकरण' प्रोजेक्ट के स्वयंसेवी गोविन्द भाई पर। बूढ़े पीपल को लग रहा है कि ज़िलाधिकारी के खण्डन का एक-एक शब्द इन पाँचों के खून से लिखा गया था। देखते ही देखते पीपल की सारी पत्तियाँ झड़ गयीं और कल का हरा-भरा गाछ अब मात्र एक ठूँठ बनकर रह गया मानो वह उन सबका श्राद्ध करने के लिए अपना भी तर्पण कर रहा हो। मगर सामूहिक मौतों के बाद से जीवनपुर में विभिन्न दलों के नेताओं का ताँता रोज़ लगा रहता है मानो उनकी चिर-प्रतीक्षित मनौती पूरी हुई हो और वे गिद्धों की भूमिका ख़ुद निभा रहे हों।""— 'भूख' कहानी के ये वाक्य वस्तुतः एक रूपक रचते हैं जिसमें लोकतन्त्र में व्याप्त राग दरबारी की अन्तर्ध्वनियाँ सुनी जा सकती हैं। यह कहानी और 'भूख तथा अन्य कहानियाँ' की शेष कहानियाँ सुभाष शर्मा की सामाजिक सजगता एवं रचनात्मक कुशलता का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। इस संग्रह की बीस कहानियों की विषयवस्तु में विविधता है, फिर भी ये 'आम आदमी' के सुख-दुख का धारावाहिक वर्णन करती हैं। 'अन्तराल', 'संगसार', 'चौथा खम्बा', 'ध्वंस', 'दंश', 'लाक्षागृह', 'वजूद' और 'कुदेशन' आदि कहानियाँ समकालीन समाज का सशक्त चित्र खींचती हैं। विशेषकर 'कुदेशन' कहानी स्त्री विमर्श के क्षेत्र में अपनी तरह की अकेली रचना है। सुभाष शर्मा का यह कहानी संग्रह निश्चित रूप से पठनीय व संग्रहणीय है। "


