Jal Sansadhan Bhugol (Water Resource Geography)
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Book Details
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Author: Ram Kumar Gurjar and B.C. Jat
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Publisher: Rawat Publications
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Language: Hindi
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Edition: 2005
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ISBN: 9788170339755
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Pages: 408
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Cover: Hardcover
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Dimensions: 8.7 x 5.9 x 1.0 inches
 
About the Book
जल संसाधन भूगोल विषयक यह पुस्तक भूगोल के नूतन आयामों में एक महत्वपूर्ण एवं समकालीन योगदान है। यह ग्रंथ जल के वैश्विक वितरण, उसकी गुणवत्ता, मात्रा, तथा पोषणीय उपयोग पर आधारित समग्र अध्ययन प्रस्तुत करता है। पुस्तक में जल के अधिकता और कमी दोनों स्थितियों को मानव-पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषित किया गया है। जलीय चक्र की वैज्ञानिक व्याख्या से लेकर जल संकट के उद्भव तक, यह पुस्तक एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाती है।
लेखकद्वय ने जल प्रबंधन की पारंपरिक तथा वैज्ञानिक विधियों को सुस्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है। जल का कृषि, घरेलू, और औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोग, जल-फसल सहसम्बन्ध, जल प्रदूषण, नदी जल विवाद, अंतर्बेसिन जल स्थानांतरण, तथा जल संरक्षण जैसे विषयों को गहनता से विश्लेषित किया गया है। यह ग्रंथ स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी होने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों हेतु भी समान रूप से लाभकारी है।
विषय सूची (Contents):
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जल संसाधन भूगोल की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र
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विश्व जल संसाधनों का वितरण एवं सूचीकरण
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भारत के जल संसाधन
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भूजल
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जलीय चक्र
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जल की माँग एवं उपयोग
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सिंचाई की विधियाँ
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लवणता, क्षारीयता, भूजल का अतिदोहन एवं आर्सेनिक की समस्या
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जल प्रदूषण
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नदी जल प्रदूषण
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उद्योगों में जल की माँग एवं जलापूर्ति
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बाढ़ प्रबंधन
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सूखा एवं शुष्क कृषि
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जल संरक्षण
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भारत में जल संरक्षण की पारम्परिक विधियाँ
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समन्वित नदी घाटी नियोजन
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जलग्रहण प्रबंधन
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नदी जल विवाद
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सुदूर संवेदन तकनीक द्वारा जल प्रबंधन
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पर्यावरणीय आपदाएं तथा जल संकट
 
About the Authors
रामकुमार गुर्जर, वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के भूगोल विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। जल एवं भूमि प्रबंधन पर उनके शोध कार्यों की उत्कृष्टता के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उन्हें 'यंग साइंटिस्ट अवार्ड' से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा प्रायोजित विकास परियोजनाओं पर कार्य किया है और विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके अनेक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
बी.सी. जाट भूगोल विषय के क्षेत्र में जल संसाधन एवं जलग्रहण प्रबंधन को नई दिशा देने वाले विद्वान हैं। उन्होंने भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून से रिमोट सेंसिंग और जीआईएस में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वे अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें एवं अनेक शोध-पत्र प्रकाशित कर चुके हैं। वर्तमान में वे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नीमकाथाना (राजस्थान) के भूगोल विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं।
            
      
        