Paryaavaran Pradushan : Siddhaant Evam Vyavahaar
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लेखक: अमिताव रक्षित, हनुमान प्रसाद पारेवा, विनोद कुमार त्रिपाठी एवं प्रदीप कुमार मिश्र
प्रकाशक: Scientific Publishers
भाषा: हिंदी
संस्करण: पहला संस्करण (2023)
बाइंडिंग: हार्ड बाउंड
पृष्ठों की संख्या: 157 (17 रंगीन पृष्ठ सहित)
आकार: 9.50 x 6.50 x 0.50 इंच
वज़न: 410 ग्राम
पुस्तक का प्रकार: संदर्भ पुस्तक
📘 पुस्तक के बारे में
यह पुस्तक पर्यावरणीय प्रदूषण की जटिलताओं को सरल भाषा में समझाते हुए मानव समाज को जागरूक करने का प्रयास करती है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार असंतुलित गतिविधियाँ व प्रदूषक तत्व—जैसे कि वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण—हमारे संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र में व्यवधान उत्पन्न करते हैं।
मुख्य विषय-वस्तु में शामिल हैं:
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संतुलित पर्यावरण की अवधारणा 
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मानवजनित गतिविधियों से उत्पन्न असंतुलन 
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विभिन्न प्रकार के प्रदूषण और उनके स्रोत 
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पर्यावरणीय क्षति के कारण एवं रोकथाम के उपाय 
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पारिस्थितिकी तंत्र में होने वाले दीर्घकालिक प्रभाव 
विशेषताएँ:
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छात्रों, शोधकर्ताओं एवं पर्यावरण विज्ञान के अध्यापकों के लिए उपयोगी 
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नीति निर्धारकों, NGO कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मार्गदर्शिका 
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चित्रों एवं आंकड़ों द्वारा विषय को और भी सरल बनाया गया है 
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सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी संदर्भ सामग्री 
यह पुस्तक उन सभी के लिए अनमोल साधन है जो पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास, और सामाजिक जागरूकता में रुचि रखते हैं।
 
            
 
       
         

