Sahas Aur Sankalp Ek Aatmkatha
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Author: V. K. Singh
Brand: Vani Prakashan
Edition: 3rd
Features:
- Vani Prakashan
Binding: paperback
Number Of Pages: 370
Release Date: 01-03-2023
EAN: 9789350729717
Package Dimensions: 8.3 x 5.5 x 0.9 inches
Languages: Hindi
Details: जनरल वी.के. सिंह ने बयालीस वर्ष भारतीय सेना में अपनी महत्त्वपूर्ण सेवाएं दीं। वह 31 मई 2012 में सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अनेक प्रमुख लड़ाइयों में अग्रिम मोर्चे पर अपनी अतुल्य सैन्य क्षमता का परिचय दिया। इनमें प्रमुख हैं 1971 का भारत-पाक युद्ध जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। श्रीलंका में वह भारतीय शान्ति सेना का हिस्सा रहे। उन्हें विद्रोह को कुचलने के लिए चलने वाले अभियानों में विश्व स्तर पर अग्रणी विशेषज्ञ माना गया है। अपने कार्यकाल में उन्होंने सिद्धान्तों पर अडिग रहते हुए विभिन्न मुद्दों पर जो रुख अपनाया, उसके लिए भी उन्हें विशेष ख्याति मिली है-चाहे वह हथियार हासिल करने का मामला हो, या फिर माओवादियों के खिलाफ सेना की तैनाती का मामला। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और भारतीय सैनिक अकादमी (आईएमए) में प्रशिक्षित, बी. के. सिंह ने भारत की सुरक्षा के लिहाज से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों (और भूमिकाओं) में अपना विशिष्ट योगदान दिया। पुंछ स्थित नियन्त्रण रेखा पर कम्पनी कमांडर के उन शुरुआती दिनों से लेकर जम्मू-कश्मीर के विक्टर फोर्स और नेपाल, भूटान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश से लगी अन्तरराष्ट्रीय सीमा की विशाल पूर्वी कमान को संभालने और ब्लू स्टार ब्रासटैक्स और ट्राइडेंट जैसे सैन्य अभियानों में सक्रिय रहने तक के जनरल सिंह के अनुभवों के विवरण उनकी इस आत्मकथा को बेहद रोचक बना देते हैं। अपने सिद्धान्तों से कभी समझौता न करने और खरी-खरी कहने के लिए महशूर, जनरल सिंह की यह कहानी निर्भीक और बेबाक लेखन की अद्भुत बानगी है, जो कहीं-कहीं विवादास्पद भी हो गयी है।

