Apne Apne Pinjare (2 Volume Set)
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Author: Mohandas Naimisharay
Edition: 4th
Binding: unknown_binding
Number Of Pages: 320
Release Date: 01-12-2018
EAN: 9789388434096
Package Dimensions: 8.7 x 5.7 x 0.6 inches
Languages: Hindi
Details: खण्ड - 1 मेरे जीवन में एक ऐसी घटना हो गयी जिसने मुझे लड़के से पुरुष बना दिया। यूँ उसे दुर्घटना भी कहा जा सकता था। महानगरीय भोग और संभोग की चरम संस्कृति का यह मेरा पहला अनुभव था। न जाने कैसे यह सब हो गया था। उस समय सपने जैसा लगा था। अपने अकेलेपन को एक रात उसने मेरे साथ बाँटा था। हालाँकि वह उम्र में मुझसे दोगुनी थी। पर उसकी देह अब भी भरी-पूरी थी। गोरे रंग की चौड़े माथेवाली औरत थी वह, पर मेरा शरीर पाने और झिंझोड़ने का न उसके भीतर उन्माद था और न आक्रोश, बल्कि वह तो स्वयं पिघलने वाली औरतों में से थी, जो अपनी उदास और तनहा रात में भले ही चन्द पलों के लिए किसी मर्द की बाँहों में खो जाना चाहती थी। / खण्ड – 2 सच्चाइयों को सम्मुख रखा जिसे इस देश का साहित्यिक मानस स्वीकार करने को तैयार नहीं है। इस शती के सातवें-आठवें दशक में मराठी साहित्य में उभरे दलित स्वर ने इस देश के साहित्य-मानस को बुरी तरह झकझोरा था और व्यथित भी किया था। उसमें न तो वह अभिजात था जिसकी हमारे मानस को आदत थी और न वह आडम्बर था जिसे हम बड़े स्नेह से यत्नपूर्वक सहेजते चले आ रहे थे। मराठी में दलित लेखकों द्वारा लिखे गये आत्म-वृत्त इस दृष्टि से बहुचर्चित हैं और महत्त्वपूर्ण भी। मराठी आलोचक इन रचनाओं को आत्मकथा या आत्मचरित्र कहने की बजाये 'आत्मवृत्त' कहना अधिक उचित समझते हैं, क्योंकि उनके कथनानुसार, आत्मकथाएँ अवकाश ग्रहण के उपरान्त बुढ़ापे में लिखी जाती हैं। वे स्वकेन्द्रित होती हैं। उनमें वर्णित प्रसंग कब के हो चुके होने से 'भूतकालीन' होते हैं, 'वर्तमान' से उनका कोई सरोकार नहीं होता। मोहनदास नैमिशराय की यह कृति इस अर्थ में आत्मकथा न होकर आत्मवृत्त है। उन्होंने अपने जीवन की उन तल्ख और निर्मम सच्चाइयों को इसमें उकेरा है।


